सकारात्मक चर्चा के दावे गलत; शिवसेना ने लिया फेसबुक का सहारा

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा-शिवसेना के मनोमिलन को लेकर लगातार जारी प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। खासकर भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप की शिवसेना सांसद व प्रत्याशी श्रीरंग बारणे को लेकर रही नाराजगी दूर नहीं हो पा रही है। शिवसेना के बाद कल भाजपा के वरिष्ठ नेता व जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन की अगुवाई भी नाकाम रही। जगताप के साथ हुई चर्चा को सकारात्मक बतानेवाले दावों के लगातार गलत साबित होने के बाद बारणे ने फेसबुक का सहारा लिया है। महायुति के संबंधों को सुधारने की दिशा में एक कदम आगे बढाने की बात कहकर उन्होंने फेसबुक पर अपलोड की गई एक पोस्ट में पुराने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की भावनात्मक अपील की है। अब उनकी यह अपील कितनी कारगर साबित होगी? यह देखना दिलचस्प होगा।
पिंपरी चिंचवड के समावेश वाली मावल लोकसभा की सीटें शिवसेना के पास है। मावल के सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप के बीच 36 का आंकड़ा है। युति होने से पहले तक जगताप भी मावल से इच्छुक थे। युति होने के बाद उनके मनसूबों पर पानी फिर गया। महायुति पर प्रत्याशी बदलने को लेकर अपनाया गया दबावतंत्र भी बेअसर साबित हुआ और शिवसेना ने सांसद श्रीरंग बारणे को पुनः प्रत्याशी बनाया। इससे विधायक जगताप नाराज चल रहे हैं। उन्होंने पहली ही समन्वय बैठक में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। एक समारोह में तो वे राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी पार्थ पवार के साथ भी नजर आए। नाराजगी दूर करने के लिए बारणे जगताप के गढ़ पिंपले गुरव में उनसे मुलाकात की। उनके बाद शिवसेना नेता डॉ नीलम गोरहे व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी उनसे मुलाकात की। उनके बाद जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन भी बैरंग लौट गए।
विधायक जगताप की नाराजगी दूर करने के लिहाज से शिवसेना और भाजपा नेताओं की कोशिशें लगातार नाकाम साबित होते जाने से सांसद बारणे की दिक्कतें बढ़ गई हैं। नतीजन भाजपा और शिवसेना युति के संबंधों में सुधार लाने के लिए उन्होंने खुद एक कदम आगे बढ़ाते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट अपलोड की है। इसमें उन्होंने भाजपा और महायुति के दूसरे दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं से एकजुट होने की भावनात्मक अपील करते हुए कहा है कि, पिंपरी चिंचवड शहर में स्थानीय स्तर पर गलतफहमी के चलते आरोप- प्रत्यारोप हुए। हमारी युति टिकी रहे इसके लिए हम दो कदम आगे बढ़ा रहे हैं। सभी को साथ लेकर एक दिल से काम करने और पिछले मतभेदों की पुुनरावृत्ति टालने का भरोसा दिलाया। यही नहीं सभी का आदर सम्मान बनाये रख एकजुट होकर कार्यरत रहने की कटिबद्धता भी जताई। अब उनकी यह भावनात्मक अपील विधायक जगताप और उनके समर्थकों की नाराजगी दूर कर पाती है या नहीं? इसकी ओर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।