मृतक चांदनी हिंजेवाड़ी स्थित एक कंपनी में काम करती थी। उस समय उसका आरोपी किशोर घारे के साथ अफेयर चल रहा था। आरोपी 11 सितंबर, 2011 को चांदनी के घर आया और उसे टु-व्हीलर पर ले गया। चांदनी उसके बाद घर नहीं लौटी। तब से चांदनी की माँ उससे पूछ रही थी। आरोपी हर बार कह रहा था कि चांदनी मेरे साथ है। उसकी मां ने 27 जुलाई, 2013 को पिंपरी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जब चांदनी ने घर छोड़ा, तो उसके पास 5 ग्राम सोने की बालियां और दो चांदी की पायल थीं। आरोपी किशोर को दो महीने पहले मारुंजी में सब्जियां बेचते पाया गया था। उसे गिरफ्तार किया गया और पूछताछ की गई। उसने स्वीकार किया कि उसने 2011 में चांदनी की हत्या कर दी थी और उसके खिलाफ वाकड़ पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी किशोर घारे ने चाकू से चांदनी का गला काट दिया और उसके धड़ और सिर को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। बाद में वह उसके परिवार से बहस करने के बाद घर से निकल गया। उनके परिवार ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दी थी। इस दौरान आरोपी घारे हाईवे और टोल प्लाजा पर चाय बेच रहा था। लेकिन, इन 10 वर्षों के दौरान, वह रात में सो नहीं सका। पुलिस उस जगह की तलाश कर रही है जहां उसने चांदनी के शव को डंप किया था।