पुलिस द्वारा दी गई जानकारी अनुसार सतीश गुंडेवार ने 2014 में पुणे में दुकान खरीदना चाहते थे। जिसके लिए वह दुकान ढूंढ रहे थे। विमाननगर में मार्वल एज क्लोवर पार्क नाम के व्यावसायिक प्रोजेक्ट में दुकान सेलिंग की बात पता चली थी। उन्होंने दिसंबर 2014 में मार्वल रिएल्टर प्रा. लि. के प्रोजेक्ट में गए थे। इस दौरान प्रोजेक्ट का काम शुरु था। प्रोजेक्ट पसंद के बाद वह दुकान खरीदने के लिए विश्वजीत झंवर और धनशेखरन इन दोनों से मुलाकात की थी। दोनों से बातचीत कर इस प्रोजेक्ट के 896 फुट का दुकान 1 करोड़ 25 लाख 625 रुपए खरीदने की बात तय हुई थी। उसके बाद गुंडेवार को दुकान का कोटेशन देकर तीन महीने में दुकान देने की बात कही थी। उसके बाद गुंडेवार ने झंवर व धनशेखरन को 92 लाख 11 हजार 727 रुपए दिए।
झंवर ने गुंडेवार को दुकान ब्रिकी का करार ड्राफ्ट में हस्ताक्षर करने के बाद भी प्रोजेक्ट का फ्लोअर प्लान नहीं दिया। लेकिन तीन महीने होने के बाद भी उन्हें दुकान नही दिया गया। इस बारे में बिल्डर से पूछताछ की। मनपा की ओर से निर्माणकार्य प्लान को मंजूरी नहीं मिली है, दुकान खरीदी का एग्रीमेंट नहीं किया जा सकता। ऐसा झंवर ने उन्हें बताया। लेकिन उसके बाद बहुत बार ईमेल, फोन पर दुकान के बारे में पूछने के पर टालमटोल के जवाब दिए जाने लगे। दुकान खरीदी के एग्रीमेंट नहीं होने पर पैसे वापस मांगने पर भी पैसे नहीं वापस किए। इसलिए गुंडेवार ने आखिरकार विमानतल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवायी।
इसके पूर्व मार्वल रिएल्टर के विश्वजीत झंवर ने 1 करोड़ 82 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किया था। उसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। लेकिन अब दूसरे मामला दर्ज होने के बाद वह एक बार फिर मुसीबत में पड़ गए हैं।