शहर के कचरा प्रबंधन के लिए मनपा द्वारा सन् 2008 से अलग से ठोस कचरा प्रबंधन विभाग शुरू किया गया है। इस विभाग के जरिए क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर शहर के ठोस कचरा प्रबंधन के लिए इस विभाग में हेल्थ इंस्पेक्टर के करीब 220 पद मनपा की सेवा नियमावली के तहत मंजूर हैं, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से मनपा के पास 185 हेल्थ इंस्पेक्टर ही हैं। इनमें से 30 कर्मचारियों को डिपार्टमेंटल हेल्थ इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति दी गई है। ऐसे में इस विभाग के पास फिलहाल 155 हेल्थ इंस्पेक्टर ही हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए मनपा सेवा नियमावली के अनुसार मनपा के अलग-अलग विभागों में क्लर्क, कम्प्यूटर ऑपरेटर और अन्य कई पदों के कर्मचारियों ने हेल्थ इंस्पेक्टर पद के लिए शैक्षणिक योग्यता पूरी की। इसके बाद इन कर्मचारियों ने इन पदों पर पदोन्नति के लिए आवेदन दिया। इसके अनुसार प्रशासन ने 30 लोगों को प्रमोशन दिया है, लेकिन इसके कुछ महीने बाद ही 30 से 15 लोगों ने इस विभाग से ट्रांसफर करा लिया है। कई लोगों ने इसके पीछे घरेलू वजह बताई है। जबकि कुछ लोगों ने ग्रेड पे कम होने की वजह बताकर फिर से अपने पद पर भेजने का आग्रह करते हुए प्रमोशन रद्द करने की मांग की है।
कारण अलग-अलग
कर्मचारियों ने प्रमोशन कैंसिल करने के लिए कारण दिए हैं लेकिन प्रत्यक्ष रूप से अलग कारण होने की चर्चा है। इन विभागों में पोस्टिंग कंस्ट्रक्शन और इनक्रोचमेंट विभागों के बाद क्रीम पोस्टिंग मानी जाती है। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से काम पर आने के बाद सुबह पांच बजे से शुरू होने वाला काम, कचरा प्रबंधन का दवाब और जिस उद्देश्य से विभाग में प्रमोशन लिया उसकी पूर्ति नहीं होने की बात ध्यान में आते ही कई कर्मियों ने प्रमोशन रद्द करने की मांग की है।