रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म से सहकारिता आंदोलन जन आंदोलन बनेगी : वेंकैया नायडू

मुंबई : समाचार ऑनलाइन –‘बिना संस्कार, नहीं सहकार’ सिद्धांत को सही मानते हुए स्व. लक्ष्मणराव इनामदार ने हर एक को एकजुट करने का प्रयास किया। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के जरिए सहकारिता आंदोलन को जन सहकारिता आंदोलन बनने का विश्‍वास उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने व्यक्‍त किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कृषि में प्रयोग होना जरूरी है।
स्वर्गीय लक्ष्मणराव इनामदार की जनशताब्दी समारोह के अवसर पर मुंबई यूनिवर्सिटी में गुरुवार को विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस व्याख्यान कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम. वैकेंया नायडू चीफ गेस्ट के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के पुननिर्माण के प्रयास में सहकारिता क्षेत्र के महत्व को पहचानते हुए सहकारिता आंदोलन को बढ़ाने हेतु ङ्गसहकार भारतीफ पिछले कई वर्षों से ‘बिना संस्कार नहीं सहकार’ के उद्देश्य के तहत कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा, ऐसा हमलोग मानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधानदेश है। यह सही भी है। क्योंकि आज भी देश की 56 प्रतिशत जनसंख्या  खेती करती है। आज देश की कृषि उत्पादन क्षमता अच्छी है, लेकिन देश की जनसंख्या को देखते हुए इस उत्पादन क्षमता को बनाए रखने की जरूरत है। वैश्‍विक तापमान में वृद्धि, कम बारिश, बढ़ता औद्योगिकीकरण व शहरीकरण के कारण हम खेती और खेती संबंधित क्षेत्र से दूर होते जा रहे हैं। आने वाले समय में खेती में प्रयोग होना जरूरी है। कृषि के क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन को सपोर्ट मिलना जरूरी है। केंद्र सरकार की विभिन्न कृषि योजनाएं किसानों तक पहुंचनी आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल सी. विद्यासागर राव, विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े, शिक्षामंत्री विनोद तावड़े, स्व. लक्ष्मणराव इनामदार के दोस्त और परिवार, सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता, सहकार भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ. उदय जोशी, मुंबई यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रा. सुहास पेडणेकर व प्र.कुलगुरु रवींद्र कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।