पुणे, 22 मई : नगर रचना विभाग में कार्यरत रहते वहां किये गए भ्रष्टाचार से गैर क़ानूनी प्रॉपर्टी बनाने के मामले में सस्पेंड नागररचना सह संचालक हनुमंत नाझीरकर और उसके भांजे राहुल खोमणे की जमानत अर्जी कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है। स्पेशल जज एस.आर. नावंदर ने फैसला सुनाया है।
नाझीरकर व उसके परिवार के पास 82 करोड़ 34 लाख रुपए की गैर क़ानूनी प्रॉपर्टी है। और उसके नाम और पार्टनरशिप में 37 कंपनियां होने की जानकारी पुलिस जांच में सामने आई है। जबकि नाझीरकर की बेनामी प्रॉपर्टी बैंक में गिरबी रखकर उसके जरिये इस मामले के आरोपी खोमणे ने 48 लाख रुपए का कर्ज लिया था। उसके बाद यह रकम नाझीरकर परिवार के पार्टनरशिप वाली कंपनी में निवेश करने की जानकारी सामने आई है। खोमणे दवारा तैयार किये गए फर्जी करारनामा में से 35 करारनामा को जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा 346 कृषि रसीद जब्त करना है। खोमणे की व्यक्तिगत बैंक अकाउंट से 87 लाख रुपए के हुए लेनदेन, गीतांजलि ब्रिडर्स कंपनी में निवेश किये गए 33 लाख आदि किये गए निवेश उसकी इनकम की तुलना में काफी अधिक है।
नाझीरकर के अपने नाम पर 35 और खुद और पत्नी के नाम पर 17 जगहों पर प्रॉपर्टी खरीदी है। सास की मौत होने के बाद उसने फ़र्ज़ी डेथ सर्टिफिकेट तैयार कर सभी प्रॉपर्टी व कंपनी पत्नी संगीता नाझीरकर के नाम पर ट्रांसफर किया है। नाझीरकर को 24 मार्च को पुणे ग्रामीण पुलिस की स्थानीय क्राइम ब्रांच की टीम ने महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया था। पिछले कई दिनों से नाझीरकर पुलिस को चकमा दे रहा था। नाझीरकर पर पुणे के दत्तवाड़ी व अलंकार पुलिस स्टेशन में और मुंबई के एपीएमसी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज है। उसके बाद उसे अलंकार पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया है।
नाझीरकर और खोमणे ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसका विशेष सरकारी वकील प्रेम कुमार अग्रवाल ने विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि जमानत मिलने पर नाझीरकर अपने पार्टनर्स को धमका सकता है। नाझीरकर ने इससे पहले खेती के माल की बिक्री के सन्दर्भ में खोमणे के जरिये विक्रेताओं को धमकाया है। जमानत मिलने पर वह सबूत नष्ट कर सकता है। इसलिए उसकी जमानत याचिका ख़ारिज की जाए। मामले की जांच एसीबी के पुलिस इंस्पेक्टर गिरीश सोनवणे कर रहे है।
जांच में सामने आई जानकारियां * नाझीरकर परिवार के पास 82 करोड़ 34 लाख रुपए की गैर क़ानूनी प्रॉपर्टी है
* परिवार और पार्टनर्स के नाम पर 37 कंपनियां
* भ्रष्टाचार से आया पैसा सास के नाम पर निवेश किया
* पैसों से स्थानीय प्रॉपर्टी और विभिन्न पार्टनर्स संस्था में निवेश
* साले के नाम पर 35 और खुद व पत्नी के नाम पर 17 जगहों पर प्रॉपर्टी
* सास की मौत के बाद उनका फ़र्ज़ी डेथ सर्टिफिकेट तैयार करवाया