पुणे और पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालयों के बीच शुरू हुआ ‘वॉर’

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन
आजादी की सालगिरह पर शुरू हुए पिंपरी चिंचवड़ के नए पुलिस आयुक्तालय के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्तियों, वाहन और अन्य संसाधनों की उपलब्धता को लेकर विवाद अब तक जारी ही है। उसी में अब पिंपरी चिंचवड़ आयुक्तालय और पुणे शहर व जिला (ग्रामीण) पुलिस के बीच ‘वॉर’ छिड़ गया है। जनरल ट्रांसफर के बाद 13 अगस्त को पुणे शहर और ग्रामीण पुलिस बल में पुनः आंतरिक ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए हैं। इन ट्रांसफर के आदेशों को पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के अतिरिक्त आयुक्त मकरंद रानडे ने नियमबाह्य करार दिया है।
पिंपरी-चिंचवड आयुक्तालय कार्यान्वित होने से पूर्व मई माह के अंत में पुलिस बल के जनरल ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए। इस कड़ी में 1 अगस्त को पिंपरी चिंचवड़ में कई अधिकारियों के ट्रांसफर हुए। इसके बाद जिला पुलिस बल के मुखिया ने भी प्रशासकीय और रिक्वेस्ट ट्रांसफर के आदेश जारी किए। 15 अगस्त को पिंपरी चिंचवड़ का नया पुलिस आयुक्तालय कार्यान्वित किया गया। इससे दो दिन पहले पुणे शहर और जिला पुलिस ने आंतरिक ट्रांसफर किए। खबर है कि, कामकाज और डिटेक्शन में काबिल अधिकारियों को छांटकर पुणे शहर व जिला पुलिस में ट्रांसफर किया गया है।

नियुक्तियों के अलावा पुलिस वाहन और अन्य संसाधनों के वर्गीकरण को लेकर भी शह- मात का खेल खेला जा रहा है। इन्हीं मुद्दों पर दो पुलिस आयुक्तालयों और जिला पुलिस बल के बीच ‘वॉर’ छिड़ा है। इसी बीच पिंपरी चिंचवड़ के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मकरंद रानडे ने आयुक्तालय के सभी आला अधिकारियों को वायरलेस पर बताया कि, 1 अगस्त के बाद पिंपरी चिंचवड़ से जिन अधिकारियों के ट्रांसफर किये गए हैं वे नियमबाह्य हैं। किसी भी लालच या दबाव में आकर पुणे जाने की कोशिश न करें, मेरी नजर सभी पर है। उन्होंने सभी को पुलिस महानिदेशक के साथ हुई बैठक में किये गए फैसलों से अवगत कराया और पिंपरी चिंचवड़ छोड़ने से पहले यहां के आयुक्त या अतिरिक्त आयुक्त से संपर्क करें। अतिरिक्त आयुक्त के इस आदेश के बाद पूरे पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।