पुणे (Pune News) : Pune Court | ग्राहकों दवारा फ्लैट खरीदने के लिए पूरे पैसे देने के बावजूद उन्हें समय पर फ्लैट पर कब्ज़ा नहीं दिया । साथ ही फ्लैट खरीदी में 2 करोड़ 40 लाख रुपए वापस मांगने के मामले में उद्यमी गौतम पाषाणकर (Gautam Pashankar) और उनकी बेटी रीनल पाषाणकर (Renal Pashankar) की गिरफ़्तारी पूर्व जमानत याचिका कोर्ट (Pune Court) ने खारिज कर दी है। सत्र न्यायाधीश वी डी निंबालकर (Sessions Judge V D Nimbalkar) ने यह फैसला सुनाया है।
इसके विपरीत फ्लैट पी 102 का खरीदी डॉक्युमेंट्स सुशील झोरर (Sushil Jhorar) दवारा मनीष गोरद ( Manish Gorad) के नाम किया गया । जबकि फ्लैट पी 101 गणेश शिंदे (Ganesh Shinde) के नाम पर कर दिया गया।
इस मामले में जब शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया तो शिकायतकर्ता को पाषाणकर ने अपने जंगली महाराज रोड (Jungli Maharaj Road) के कार्यालय में बुलाया। वहां पाषाणकर और उनकी नौकरी ने पाटिल की जोरदार पिटाई कर दी। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद गौतम और रीनल पाषाणकर ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इसका सरकारी वकील राजेश कावेडिया (Public Prosecutor Rajesh Kavedia) ने विरोध किया।