Pune Crime News | वाकड की महार वतन की 70 एकड जमीन हडप ली; नाम पर करने का प्रयास करने वालों को धमकी, 12 लोगों पर एट्रोसिटी के तहत केस दर्ज

पुणे : पुणेसमाचार ऑनलाइन – Pune Crime News | वाकड के महार वतन की 70 एकड 26 गुंठा जमीन समस्त महार वाकड को सरकार की तरफ से इनाम के रुप में मिले होने के बावजूद यह जमीन फर्जी कागजात के जरिए तत्कालीन राजस्‍व अधिकारी, तहसीलदार, मंडल अधिकारी, गांव तलाठी से हाथ मिलाकर गैरकानूनी रुप से खुद के नाम पर करने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है. इस जमीन को लेकर कार्यवाही करने पर गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस मामले में वाकड पुलिस ने 12 लोगों पर ठगी के साथ एट्रोसिटी एक्‍ट के तहत केस दर्ज किया है.( Pune Crime News)

इस मामले में विजय निवृत्ति वाघमारे (उम्र 60, नि. वाकड) ने वाकड पुलिस स्‍टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. इसके अनुसार साहेबराव भाऊसाहेब कलाटे के वारिस, घनश्याम जंगलदास सुखवाणी, मनसुखलाल उमेदमल कुंकलोक, महेंद्र मनसुखलाल कुंकलोक, नरेंद्र मनसुखलाल कुंकलोक, रवींद्र मनसुखलाल कुंकलोक, काशीपाटील रामभाऊ कलाटे, विनायक रामचंद्र जाईल, शाम हनुमंत वाकडकर, हरिश गोपाल सिंह राजपुरोहित, विनोद प्रेमचंद चांदवाणी, मारुती दामु जमदाडे के वारिस के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.( Pune Crime News)

इस मामले में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता के पिता व दादा ने अपने पूर्वजों की वाकड गावठाण्‍ से लगी 70 एकड जमीन इनाम के तौर पर मिला था. लेकिन इस जमीन को लेकर किसी तरह का डॉक्‍यूमेंटस उनके पास नहीं था. 25 वर्ष से शिकायतकर्ता इस जमीन को लेकर जानकारी निकालने की शुरुआत की. इस दौरान उन्‍हें पता चला कि वाकड की सर्वे नंबर 1, 43, 44 इस सर्वे नंबर की करीब 70 एकड जमीन महार वतन के तौर पर उनके पूर्वजों को दिया गया था. यह अब संवर्ण लोगों के नाम पर होने का पता चला. उन्‍होंने जमीन के पूराने अभिलेख को प्राप्त करने के लिए पुरालेखागार के सहायक संचालक के कार्यालय में आवेदन किया था.

इसके अनुसार वाकड की 70 एकड 26 गुंठा जमीन समस्त महार वाकड को सरकार की तरफ से इनाम के रुप में दिए जाने का पता चला. इस पर वारिस का नाम दर्ज कराने के लिए मुलशी तहसीलदार के पास आवेदन किया. लेकिन इस पर कार्यवाही नहीं की गई. शिकायतकर्ता ने राष्ट्रीय अनुसुचित जाति जनजाति आयोग के पास आवेदन किया था. जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में जमीन राजस्‍व रजिस्टरी 1941 -42 से अन्‍य लोगों के नाम दर्ज होना दिखा.

जमीन एलिनेशन रजिस्टर में समस्त महार के नाम पर दिख रहा है. लेकिन 7/12 पर नाम नहीं है. शिकायतकर्ता के पिता की इनाम पर ट्रांसफर 6 बची जमीन संवर्ण वर्ग के लोगों को किसी सक्षम प्राधिकारी की किसी तरह से पूर्व परमिशन न लेकर जमीन की खरीदी दिख रही है. इसके अनुसार उनके वारिस की इस प्रॉपर्टी का 7/12 उतारा पर रजिस्‍टर दिख रहा है. शिकायतकर्ता के पूर्वज ने कभी किसी को दान, गिरवी, इनाम पत्र, करार, मदार, डेवलपमेंट करार और किसी प्रकार का अधिकार यानी कुलमुख्यारपत्र कभी किसी को नहीं दी. यह जमीन संवर्ण लोगों ने महार वतन को लेकर सरकारी चलन न भरते हुए अपने नाम पर 7/23 रजिस्‍टर कर किया गया नजर आ रहा है. राजस्‍व अधिकारियों से मिलीभगत करयह महार वतन की जमीन हडपी गई है, इस तरह की रिपोर्ट दी गई है. इसलिए उन्‍हें जान से मारने की दी जा रही है. यह वाघमारे ने अपनी शिकायत में कही है.