पुणे के बाढ़ग्रस्तों का पालकमंत्री पर फूटा गुस्सा

पुणे : समाचार ऑनलाईन – मूसलाधार बारिश के तबाही मचाने के बाद अरणेश्वर परिसर के रहवासियों का गुस्सा तब बाहर आया पुणे जिले के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल शुक्रवार को उनसे मिलने गए। जब पुणेकर भारी विपदा से गुजर रहे थे तब मुख्यमंत्री और जिले के पालकमंत्री दिल्ली में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीटों के बंटवारे की चर्चा में मशगूल थे। आक्रोशित लोगों ने सरकार व पालकमंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इसके चलते पाटिल पर 10 मिनट में ही अपना दौरा निपटाकर वहां से निकलने की नौबत आई।
बुधवार की रात बारिश ने पुणे शहर और जिले में जमकर तबाही मचाई। भारी बारिश के चलते हुए अलग- अलग हादसों में करीबन 18 लोगों की मौत हो गई जबकि करीबन 10 लोग घायल है। यही नहीं बारिश के पानी में 832 मवेशी भी बह गए। पुणे के अरणेश्वर इलाके को इस बारिश का सबसे ज्यादा फ़टका लगा है। कई घर तबाह हो गए, पार्किंग में खड़े सैकड़ों वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए। लोगों का पूरा संसार ही उजड़ गया। एहतियात के तौर पर आज भी स्कूल- कॉलेजों को छुट्टी दी गई थी।
भारी बारिश के बाद लोगों को प्रशासन से मदद नहीं मिल सकी। दो दिन तक भूखे- प्यासे रहने की नौबत आने से लोगों का गुस्सा फूटा। आज सुबह तावरे कालोनी चौक में पहुंची लोगों की आक्रोशित भीड़ ने रास्ता रोको आंदोलन किया। उनका कहना है कि बाढ़ का फ़टका लगने के 40 घँटे बीतने के बाद भी मनपा या जिला प्रशासन की कोई मदद उन तक नहीं पहुंची। यहां तक कि उनके खाने- पीने तक की सुध नहीं ली गई। इस रास्ता रोको आंदोलन में महिलाएं, बच्चे, बड़े-बूढ़े सभी भारी संख्या में शामिल हुए।
मूसलाधार बारिश से आंबील ओढ़ा में बाढ़ आई और उसका सबसे ज्यादा फ़टका अरण्येश्वर कॉर्नर, टांगेवाला कालोनी जैसे इलाकों को लगा। टांगे वाला कालोनी में तो कुछ लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसके बावजूद प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली। आक्रोशित लोगों द्वारा रास्ता रोको आंदोलन करने के दौरान पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल वहां पहुंचे। उन्हें देखकर लोगों का गुस्सा और भड़का। लोगों ने आरोप लगाया कि विपदा के दौरान पालकमंत्री व मुख्यमंत्री सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा करने दिल्ली में व्यस्त थे। उनके पास पुणेकरों के लिए वक्त नहीं था। अब चुनाव के लिए वे यहां आए हैं, यह आरोप लगाते हुए लोगों ने पालकमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। नतीजन पाटिल को 10 मिनट में दौरा निपटाकर वहां से निकलना पड़ा। हालांकि उन्होंने संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में इन तरह की घटना स्व इनकार किया, मगर साथ ही यह भी कहा कि ऐसे वक्त पर कंधे से कंधा लगाकर चलना चाहिए न कि सियासत की जानी चाहिए।

visit : http://punesamachar.com