संवाददाता, पुणे। महामारी कोरोना के संकट दौर में जहां पुणे समेत देश भर में अस्पतालों में बेड खासकर ऑक्सिजन और वेंटिलेटर की सुविधा वाले बेड के लिए मारामारी मची रही है, वहीं पूरे देश में मरीजों के हिसाब से सबसे बेहतर शहर की सूची में पुणे अव्वल स्थान पर है। हाउसिंग डॉट कॉम के एक हेल्थ केयर सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र की आईटी राजधानी पुणे इस मामले में सबसे बेहतर शहर है। अगर पूरे देश में प्रति 1000 लोगों पर उपलब्ध बेड का औसत निकाला जाए तो पुणे में यह 3.5 बेड है।
सरकारी अस्पताल में प्रति 1000 की आबादी पर आधे और निजी अस्पतालों में 1.4 बेड उपलब्ध हैं।हाउसिंग डॉट कॉम द्वारा ‘स्टेट ऑफ हेल्थ केयर इन इंडिया: इंडियन सिटीज थ्रू द लेंथ ऑफ हेल्थ केयर’ नाम की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पुणे भारत में सबसे अधिक विकसित शहर है। इसके बाद अहमदाबाद का नंबर आता है। यहां प्रति 1,000 लोगों पर 3.2 अस्पताल बेड उपलब्ध हैं। देश के प्रमुख शहरों की इस रैंकिंग को तैयार करने में हॉस्पिटल बेड की उपलब्धता, हवा-पानी की गुणवत्ता, साफ सफाई एवं कचरा प्रबंधन, रहने में आसानी और नगर निगम के प्रदर्शन को मापक बनाया गया है।
इस सर्वे के लिए अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे जैसे शहरों को इसके लिए चुना गया। इस रिपोर्ट से एक खास बात यह भी पता चली है कि देश में हॉस्पिटल के 69 फीसदी बेड शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं। कोरोना के दूसरे दौर की वजह से देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत अधिक दबाव पड़ा है और कई शहरों में लोगों को हॉस्पिटल बेड नहीं मिल रहे हैं। अगर बात आईटी सिटी बेंगलुरु की करें तो उसे इस रैंकिंग में तीसरे स्थान पर रखा गया है। इसके बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई चौथे, हैदराबाद पांचवें, चेन्नई छठे, कोलकाता सातवें और दिल्ली-एनसीआर को आठवें स्थान पर रखा गया है।
दिल्ली-एनसीआर की इस रैंकिंग में सबसे नीचे आने की बड़ी वजह हवा और पानी की खराब गुणवत्ता, साफ सफाई की बदतर व्यवस्था और नगर निगम का खराब प्रदर्शन रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद की तुलना में गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा जैसे इलाके में अस्पताल का घनत्व कम है। इस इलाके में सर्विस सेक्टर, वेयरहाउसिंग और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि बड़े पैमाने पर होती है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में 100 से अधिक बेड वाले अस्पताल को ही शामिल किया गया है। मुंबई में हॉस्पिटल बेड की संख्या, वायु की गुणवत्ता, और रहने में आसानी जैसे मसलों की वजह से इसका समग्र स्कोर नीचे खिसक गया है।