पुणे के महापौर को कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चिंता

पुणे। कभी पूरे देश में महामारी कोरोना के संक्रमण के सर्वाधिक मामलों वाले शहर के रूप में परिचित पुणे में भले ही अब कोरोना संक्रमित के मामलों में कमी आई हो लेकिन इसका खतरा अभी भी टला नहीं है, बल्कि यह खतरा तलवार की भांति शहरवासियों के सिर पर बराबर लटक रही है। कोरोना की दूसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। खुद शहर के महापौर मुरलीधर मोहोल भी इसी चिंता में डूबे हुए हैं। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि मामले कम होने से बेफिक्र न रहें, मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टन्टिंग का अनुपालन बराबर करते रहे।
नए साल में जनवरी और फरवरी के महीने में महामारी कोरोना के दूसरी लहर के फैलने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में कोरोना से बुरी तरह से प्रभावित रहे पुणे शहर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है ताकि अगर दूसरी लहर आती है तो उसे समय पर नियंत्रित किया जा सके। पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने नागरिकों से महामारी से बचाव के लिए सभी नियमों के पालन करने का अनुरोध किया है। ऐसे व्यापारी जो ज्यादा दौड़ भाग करने वाले हैं, दूसरों के घरों में काम करने वाले नौकर, मजदूर वर्ग या फिर सरकारी कर्मचारी ये सभी लोग कोरोना को कैरियर साबित हो सकते हैं।
महापौर ने कहा कि ऐसे लोगों लोगों की वजह से शहर में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। इसलिए लोगों को और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि अगर हम सभी सावधानियों का ध्यान रखेंगे तो कोरोना को नियंत्रित करने में आसानी होगी। मोहोल ने बताया कि आने वाले समय में पुणे शहर में कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका है। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। इस लड़ाई में सबके सहभाग की जरूरत है ताकि हमारी जीत हो सके। शहर में सुपर स्प्रेडर लोगों की पहचान कर उनका कोरोना टेस्ट करने का आदेश प्रशासन की तरफ से दिया गया है। इसके अलावा मनपा समेत जिला पंचायतों को भी सतर्क रहने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब हो कि पुणे में अब तक कोरोना के एक लाख 65 हजार मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 4395 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है जबकि एक लाख 56 हजार 471 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं। शहर में फिलहाल 4176 मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें से 383 मरीजों की हालत गंभीर है जबकि 253 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। गत कुछ दिनों से पॉजिटिव मामलों में लगातार कमी आ रही है हालांकि महामारी के दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि जनवरी और फरवरी महीने में कोरोना की दूसरी लहराने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि यह आएगी ही ऐसा जरूरी नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। कोरोना के वैक्सीन को बांटने की भी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हैं। पहले फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स को इसे दिया जाएगा।