पुणे : पुणे समाचार ऑनलाइन – Pune News | “मार्च-अप्रैल के महीने में ऑडिट का काम बड़े पैमाने पर शुरू हो जाता है. बैंकों के ऑडिट को गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी बनाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका महत्वपूर्ण है। बैंकिंग क्षेत्र में नए लोगों, प्रौद्योगिकी और नियामक परिवर्तनों की शुरूआत के मद्देनजर ऐसे सम्मेलनों का आयोजन सहायक होता है,” ऐसा बँक ऑफ महाराष्ट्र के कार्यकारी संचालक आशिष पांडे ने कहा.
दी इन्स्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के ऑडिटिंग अँड अश्युरंस स्टँडर्ड बोर्ड और आईसीएआई पुणे ब्रांच के संयुक्त तत्वाधान में ‘बँक ब्रँच ऑडिट’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद के उद्घाटन में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर ‘आईसीएआई’ के केंद्रीय समिती सदस्य सीए चंद्रशेखर चितळे, आईसीएआई पुणे ब्रांच की अध्यक्षा सीए अमृता कुलकर्णी, उपाध्यक्ष सीए सचिन मिणियार, सचिव सीए ऋषिकेश बडवे, खजिनदार सीए मोशमी शहा, कार्यकारिणी सदस्य सीए अजिंक्य रणदिवे और सीए राजेश अग्रवाल सहित अन्य मान्यवर मौजूद थे.
आशिष पांडे ने कहा, “ऑडिट में दृश्य और अदृश्य चीजें शामिल होती हैं। त्वरित और सटीक ऑडिट के लिए बैंक स्टाफ और अकाउंटिंग स्टाफ के बीच समन्वय होना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान नई तकनीक, क्लोजिंग सॉफ्टवेयर आदि के बारे में बताया जाता है. यदि शाखा प्रबंधक नया है या दूसरे बैंक से आ रहा है तो उसे भी पिछली बातों को समझना चाहिए, प्रशिक्षण लेना चाहिए। चार्टर्ड अकाउंटेंट की आज की पीढ़ी स्मार्ट और प्रौद्योगिकी उन्मुख है।”
सीए चंद्रशेखर चितळे ने बताया की, मार्च में देशभर के बैंकों का ऑडिट होता है। भारतीय रिजर्व बैंक आए दिन नए-नए नियम, सर्कुलर जारी करता रहता है। ‘आईसीएआई’ द्वारा इस तरह के सेमिनार पूरे देश में आयोजित किए जाते हैं ताकि अकाउंटेंट इन बदले हुए नियमों और तकनीकीताओं से अवगत हो सकें।
सीए अमृता कुलकर्णी ने कहा, “यह सम्मेलन चार्टर्ड एकाउंटेंट से बैंकों की अपेक्षाओं को पूरा करने, समयबद्ध तरीके से लेखांकन करने के लिए नई तकनीक का उपयोग करने में सहायक होगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को नए नियमों, अकाउंटिंग में आने वाली कठिनाइयों और समाधान पर मार्गदर्शन मिलेगा।”
सूत्रसंचालन सीए मोशमी शहा ने किया. सीए ऋषिकेश बडवे ने आभार ज्ञापित किए.
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