पुणे रेल्वे स्टेशन ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित हो रहा है

पुणे : समाचार ऑनलाइन –  पुणे रेल्वे स्टेशन को ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है. रेल्वे स्टेशन में आने वाले यात्रियों को स्वच्छता सहित सभी अच्छी सेवा-सुविधाएं उपलब्ध कराने रेल प्रशासन कार्यरत है. गत दो वर्षों से रेल प्रशासन ने पुणे रेलवे स्टेशन के देखभाल के कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया है व ई-ऑफिस की दृष्टि से कदम उठाए जा रहे हैं. मुंबई मंडल के बाद देखभाल के कार्यों में पुणे मंडल दूसरे नंबर पर हैं. यह जानकारी पुणे मंडल के डिवीजनल रेलवे मैनेजर मिलिंद देऊस्कर ने दी. उनका तबादला हो गया है. इस अवसर कारण उन्होंने पुणे मंडल के डीआरएम के रूप में दो वर्षों के कार्यकाल में किये विविध विकास कार्यों की पत्रकार-वार्ता में जानकारी दी.

उन्होंने आगे बताया कि पुणे-मिरज-कोल्हापुर रेलवे स्टेशन के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य शुरू है जो दिसंबर 2020 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने अपने द्वारा पूरे किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी. देऊस्कर ने बताया कि पुणे मंडल का कार्यालय अब पूरी तरह डिजिटल हो गया है. डिजिटल पद्धति से 700 से अधिक फाइलों का काम पूरा हो गया है. पुणे रेलवे स्टेशन से प्रतिवर्ष साढ़े सात करोड़ से आठ करोड़ यात्रियों का आना-जाना होता है. उसी तरह प्रतिदिन 200 से 225 रेल गाड़ियां दौड़ती हैं. दौंड-बारामती, पुणे-शिंदेवाड़ी, मिरज-कोल्हापुर के रेलवे स्टेशनों का भी इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है. इससे इंधन में अच्छी बचत होगी. शिरोली-टकारी-भवानीनगर के रेलवे रूट के डबलिंग का कार्य पूरा हो गया है. अगले महीने से ही पुणे-आलंदी के 21 किमी रूट की डबलिंग का काम शुरू हो जाएगा. एक साल में पुणे मंडल के 100 किलोमीटर रूट के डबलिंग का काम पूरा हो जाएगा.

इससे ज्यादा रेलगाड़ियां चलाना संभव होगा. पुणे रेलवे स्टेशन से हर बुधवार 176 रेल गाड़ियां चलती है. पांच एक्सीलेटरों द्वारा संचालन किया जा रहा है. मेट्रो से उतरने के बाद सीधे पुणे रेलवे स्टेशन में पहुंचना संभव हो इसकी व्यवस्था की जा रही है. पुणे रेलवे स्टेशन को ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है.

विविध विकास कार्यों में पीएमपीएमएल की भी मदद ली जा रही है. स्टेशन के बाहर बसों की सुविधा है. स्वच्छता के दृष्टि से यहां बायो टॉयलेट लगाए गए है. पुणे-लोनावला के बीच आटोेमेटिक ब्लॉक सिंगलिंग शुरू है. कोल्हापुर रेलवे स्टेशन पर तीन प्लैटफॉर्म बनाये गये हैं. जिससे गाड़ियों की फ्रिक्वेंसी बढ़ गई है. हड़पसर टर्मिनस से दो और रेलवे लाइन शुरू की जानी है. इसके लिए 36 करोड़ का खर्च आयेगा. उसी तरह लोणंद-फलटण के 26 किमी की रेलवे लाइन का काम पूरा हो गया है. वहां की जगह रेलवे को मिलते ही लोणंद-फलटण-बारामती रूट शुरू किया जा सकेगा. इसके लिए जिलाधिकारी स्तर पर पत्र व्यवहार भी किया गया है. घोरपड़ी केबिन के लिये दो और लाइनों की जरूरत है. पुणे रेलवे स्टेशन से मुंबई की ओर जाने के लिए छह प्लैटफॉर्म बढ़ाने हैं. इससे अतिरिक्त डिब्बे जोड़ना संभव होगा.

अंत में उन्होंने बताया कि पुणे-नासिक रेलवे रूट के लिये राज्य सरकार से सहयोग मिलने पर 12 करोड़ से 15 करोड़ का प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा. पुणे-लोनावला के लिये लोकल की व्यवस्था है. हर साल 4 करोड़ से यात्री लोकल से यात्रा करते हैं, लेकिन उससे रेलवे को 29 करोड़ का राजस्व ही मिलता है.