सबसे साफ- सुथरे शहरों के टॉप-10 में शुमार हुआ पुणे

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

स्वच्छ भारत अभियान के तहत किये गए स्वच्छ सर्वेक्षण की रिपोर्ट बीती रात जारी की गई है। इस बार भी मध्य प्रदेश के दोनों शहर इंदौर और भोपाल ऊंचे पायदान पर हैं। यह दोनों शहर देश के सबसे साफ शहर हैं। इस बार चंडीगढ़, पुणे और विजयवाड़ा ने भी टॉप दस शहरों की लिस्ट में जगह बनाई है। वहीं इस मामले में सूरत, तिरुचिरापल्ली और वडोदरा काफी पीछे रह गए हैं। सबसे साफ- सुथरे शहरों के टॉप- 10 में पुणे 10वें पायदान पर है।

स्वच्छता के मामले में सबसे गंदा प्रदर्शन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है। स्वच्छ सर्वेक्षण की रिपोर्ट में दस सबसे गंदे शहरों में से 7 इसी राज्य के हैं। जबकि अन्य तीन शहर उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक देश के 10 सबसे गंदे शहरों में भद्रेश्वर (पश्चिम बंगाल), बांकुरा (पश्चिम बंगाल), सिमरी बख्तियारपुर (बिहार) चम्पांडी (पश्चिम बंगाल) बांस बैरिया (पश्चिम बंगाल), चांदबली (ओडिशा), खरदा (पश्चिम बंगाल), विद्यावती (पश्चिम बंगाल), पनिहाती (पश्चिम बंगाल), खोडा मकनपुर (उत्तर प्रदेश) शामिल है।

इस साल के सर्वेक्षण में देश भर के 4,203 नगरपालिका क्षेत्रों को शामिल किया गया था। पश्चिम बंगाल पहली बार स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में शामिल हुआ था। टॉप 10 की लिस्ट में शुमार चंडीगढ़ इस बार तीसरे नंबर पर है जबकि बीते साल यह 11वें स्थान पर था। वहीं नई दिल्ली की स्थिति में भी इस बार काफी सुधार आया है। पहले यह टॉप 10 की लिस्ट में 7वें स्थान पर थी और अब चौथे स्थान पर आ गई है। नवी मुंबई इस बार एक पायदान पीछे खिसक गई है। साल 2017 में इसका स्थान 8वां था जबकि इस बार यह 9वें स्थान पर है। मैसूर शहर की स्थिति में भी गिरावट देखी गई है। बीते साल यह 5वें नंबर पर था जबकि इस बार यह 8वें नंबर पर आ गया है।

इस बार आंध्र प्रदेश के शहर तिरुपति की स्थिति भी सुधरी है यह अब छठे नंबर पर आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का स्थान 29वां है जबकि बीते साल 32वां था। आवासीय और शहरी कार्य मंत्रालय का कहना है कि वार्षिक सर्वे शहरी स्थानीय निकायों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। ताकि वह अपने शहरों को ज्यादा से ज्यादा से साफ रख सकें। वहीं एक वर्ष में स्वच्छता के आकलन के लिए नागरिकों की प्रतिक्रियाओं को भी इसमें शामिल किया गया। जो दुनिया की किसी भी सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में सबसे बड़ा माना जा रहा है। बीते 4 सालों के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 8.3 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं।