प्रीति फुलबांधे
बुद्धि के देवता माने जाने वाले श्रीगणेश चतुर्थी हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार हैं। यह त्यौहार भारत के अलग अलग राज्यों में मनाया जाता हैं, किन्तु गणेशोत्सव को महाराष्ट्र के हर शहर हर गांव में पुरे धूमधाम से मनाया जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीगणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का जन्म हुआ था। महाराष्ट्र शहर के पुणे में पेशवाओं ने गणेशोत्सव को बढ़ावा दिया। कहा जाता हैं की पुणे के कसबा गणपति नाम से प्रसिद्ध गणेश मूर्ति की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज इनकी माँ जीजाबाई ने की थी। भाऊसाहेब रंगारी और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेशोत्सव को गणेश राष्ट्रीय एकता का स्वरुप दिया। गणेशोत्सव को आज भी पुणे शहर में बड़े धूम धाम से मनाया जाता हैं। महाराष्ट्र के पुणे शहर में 50 हजार से भी ज्यादा गणेश मंडल हैं।
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इस साल भी पुणे शहर में गणपति बाप्पा के आगमन की तैयारी शुरू हो चुकी है। पुणे के सुप्रसिद्ध गणपति ( माना चे गणपति ) कसबा गणपति , ताबोली जोगेश्वरी, गुरूजी तालीम, तुळशीबाग मित्र मंडल, केसरीवाड़ा इन सार्वजनिक गणपति मंडलों ने तैयारी शुरूकर दी है। सार्वजानिक मंडलों ने पंडाल और सजावट की तैयारी शुरू कर दी है। इस साल पुणे में पर्यावरण के आधार पर सार्वजनिक गणेश मंडलों ने सजावट की है और साथ ही शहर के नागरिकों ने भी पर्यावरण से सम्बंधित विषय पर ही सजावट की है।