पुणे के युवा ने विकसित की 1500 सैनेटरी पैड रिसाइकलिंग मशीन

पुणे। सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल सेनेटरी नैपकिन निपटान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पुणे में रहनेवाले एक 25 वर्षीय स्नातक युवा ने सैनेटरी नैपकीन को नष्‍ट करने के लिए रिसाइक्लिंग मशीन बनायी है। अजिंक्य दहिया नामक युवा को यह मशीन बनाने का विचार कॉलेज के अंतिम वर्ष में आया। इस मशीन से 10 घंटों में 1500 पैड्स को रिसाइकिल किया जा सकता है। अजिंक्य का लक्ष्‍य महिलाओं को स्‍थायी रूप से शौचालय स्‍वच्‍छता समाधान उपलब्‍ध करवाना है।
दरअसल शहर के कई संगठनों द्वारा सेनेटरी नैपकिन के सुरक्षित निपटान को सुनिश्चित करने के तरीकों के बारे में विचार किया जा रहा था। 2018 में अजिंक्य दहिया के मन में इस तरह की मशीन बनाने का विचार आया था। उसके और उसकी टीम द्वारा विकसित पैडकेयर लैब मशीन इस्तेमाल किए गए सैनिटरी नैपकिन से प्लास्टिक और सेलूलोज़ नाली को अलग करती है और उसके बाद रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। दहिया ने कहा कि इसके लिए शौचालयों में  विशेष रूप से डस्‍टबिन लगाये जाते हैं। इसमें 45 दिन तक नैपकीन एकत्रित किये जाते हैं। शौचालयों में लगाये गए इन खास डस्‍टबिन को ‘सैनिबिंस’ कहते हैं जो 30 से 45 दिनों के लिए उपयोग किए गए सैनिटरी नैपकिन को स्टोर करने के लिए लगाये गए हैं ये डस्‍टबिन पूरी तरह से कीटाणु रहित हैं और इनमें किसी प्रकार की गंध भी पैदा नहीं होती है।
इन डस्‍टबिन से सैनिटरी पैड को मासिक क्रम के आधार पर एकत्रित किया जाता है और फिर पैडकेयर मशीनों में डाला जाता है। ये प्रक्रिया पर्यावरण को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करती है और इसे रीसाइक्लिंग उत्पादों के लिए इस्तेमाल करने के लिए भी तैयार करती है। अजिंक्य और उनकी टीम द्वारा हाल ही में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 12 बिलियन उपयोग किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिन उत्पन्न होते हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत का निपटारा या तो लैंडफिल या जल निकायों द्वारा किया जाता है, जो पर्यावरण को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं। उपयोग किए गए सैनिटरी नैपकिन से पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग करते हुए, टीम ने कई सजावटी उत्पादों को भी डिज़ाइन किया है जिनका उपयोग घरों में किया जा सकता है। युवाओं की टीम का लक्ष्य सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल सेनेटरी नैपकिन निपटान उपलब्ध करते हुए आने वाले वर्ष में इसे अधिकतम लोगों के लिए उपलब्ध कराना है।