रेलवे ने काटा 1000 साल आगे का टिकट, लगा जुर्माना

लखनऊ। समाचार एजेंसी

यात्री टिकट पर गलत तारीख लिखने के लिए सहारनपुर की एक उपभोक्ता अदालत ने मंगलवार 12 जून को रेलवे पर जुर्माना लगाया है और यात्री को मुआवजा देने का आदेश दिया है। दरअसल पूरा मामला यह है कि रिटायर्ड प्रोफेसर विष्णु कांत शुक्ला ने 19 नवंबर 2013 को रेल टिकट बुक कराया था। उन्होंने हिमगिरि एक्सप्रेस से सहारनपुर से जौनपुर तक जाने का टिकट लिया था। वह जब यात्रा कर रहे थे तब ट्रेन टिकट निरीक्षक ने पाया कि उनके टिकट पर 2013 की जगह पर 1000 साल आगे की तारीख 3013 लिखी थी। इस बात पर उसने शुक्ला को मुरादाबाद स्टेशन पर उतार दिया। इस मामले में उपभोक्ता अदालत ने बुजुर्ग यात्री को मुआवजा देने का फैसला दिया है।

यात्रियों के सामने अपमानित किया

रिटायर्ड प्रोफेसर शुक्ला ने बताया कि,  ‘मैं जेवी जैन डिग्री कॉलेज सहारनपुर से हिंदी विभाग से रिटायर हो चुका है। मैं कोई ऐसा इंसान नहीं हूं जो गलत टिकट या बिना टिकट के ट्रेन में सफर करूंगा।’ टीटीई ने उन्हें सभी यात्रियों के सामने अपमानित किया। उन्होंने कहा, ‘टीटीई ने मुझे 800 रुपए जुर्माना देने की मांग की और मुझे मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन से उतार दिया। मेरे लिए यह एक महत्वपूर्ण यात्रा थी क्योंकि मैं अपने एक मित्र से मिलने जा रहा था, उनकी पत्नी का निधन हो गया था।’

10 हजार रुपये का जुर्माना

सहारनपुर लौटने के बाद शुक्ला ने रेलवे के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट में जाकर शिकायत की। केस का फैसला आने में 5 साल लग गए। कोर्ट ने फैसला बुजुर्ग यात्री के पक्ष में दिया और रेलवे पर 10 हजार रुपए का हर्जाना और मानसिक उत्पीड़न के लिए 3 हजार रुपए अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर शुक्ला को देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि, किसी बुजुर्ग को यात्रा के बीच में ट्रेन से उतार देने से उनका भारी शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न हुआ होगा। रेल विभाग के द्वारा दी गई सेवा में खामी थी।’