भारत की हर रक्षा जरूरत पूरा करने को तैयार : अमेरिका

वाशिंग्टन : समाचार ऑनलाईन – ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह भारत की हर प्रकार की रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है लेकिन, इसमें रूसी एस-400 मिसाइल डील बाधा बन रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की वरिष्ठ अधिकारी एलिस वेल्स ने विदेश मामले की संसदीय कमेटी के सामने यह बात कही। उन्होंने पाक के साथ अमेरिका के संबंधों की भी जानकारी दी। कुछ ही दिन पहले अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी भारत-रूस रक्षा संबंधों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि रूस से घातक मिसाइल प्रणाली की खरीद के सौदे का भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

ड-400 को रूस की सबसे उन्नत और लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है। इस मिसाइल रक्षा प्रणाली को साल 2014 में चीन ने भी खरीदा था। जिसे लेकर अमेरिका ने चीन पर किसी भी सैन्य सामान को बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाल में ही तुर्की द्वारा भी इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को खरीदे जाने पर अमेरिका ने अपने एफ-35 लड़ाकू विमान डील को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने तुर्की के पायलटों को भी वापस भेजने की घोषणा की है। ये पायलट अमेरिका में एफ-35 को उड़ाने का प्रशिक्षण ले रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच व्यापक वार्ता के बाद भारत और रूस ने पिछले साल अक्टूबर में 5 बिलियन डॉलर में एस -400 वायु रक्षा प्रणाली समझौते पर हस्ताक्षर किया था। विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी (दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों) एलिस जी वेल्स ने गुरुवार को हाउस फॉरेन अफेयर्स सब कमेटी फॉर द एशिया, द पैसिफिक एंड नॉनप्रोलिफरेशन को बताया कि अमेरिका अब किसी भी अन्य देश की तुलना में भारत के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन के तहत, हम बहुत स्पष्ट हैं और भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए तैयार हैं। हम ममेजर डिफेंस पार्टनरफ के पदनाम पर बहुत अलग तरह की रक्षा साझेदारी बना रहे हैं।