पुणे में कोंढवा हादसे की पुनरावृत्ति

पुणे : समाचार ऑनलाईन – अभी कोंढवा हादसे का शिकार बने मजदूरों के चिता की आग भी ठंड नहीं हुई कि सोमवार की मध्यरात्रि डेढ़ बजे के करीब फिर एक बार मजदूरों की झुग्गियों पर एक दीवार कहर बनकर टूटी है। मूसलाधार बारिश से आंबेगांव में सिंहगड कॉलेज की सीमा दीवार उससे सटकर रही मजदूरों की झुग्गियों पर ढह गई। इस भीषण हादसे में दो महिलाओं समेत छह मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे में अन्य तीन लोग घायल हुए हैं। इस हादसे से शुक्रवार को कोंढवा में 15 मजदूरों की जान लेनेवाले भीषण हादसे की पुनरावृत्ति हुई है।
इस हादसे में मरनेवालों के नाम राधेलाल रामनरेश पटेल (25), ममता राधेलाल पटेल (22) दोनों निवासी हातादादु, नवागढ़, बेमेतरा, छत्तीसगढ़, जेतुलाल पटेल (50), प्रदेशनिन जेतुलाल पटेल (45) दोनों निवासी रायपुर, मध्यप्रदेश, जितु चन्दन रावते (23) और प्रल्हाद चंदन रावते (30) दोनों निवासी पार्डी, लांची, बालाघाट, मध्यप्रदेश हैं। घायलों में श्रीनाथ विष्णु पटेल (17), विष्णु पुनीत पटेल (42), नगमथ विष्णु पटेल (38), दीपक रामलाल ठाकरे (24) सभी निवासी ककेडी, पथरिया, मुंगेली, छत्तीसगढ़ का समावेश है।

भारती विद्यापीठ पुलिस के अंतर्गत आंबेगांव पुलिस चौकी के बगल में सोमवार की देर रात डेढ़ बजे यह हादसा हाउस है। सिंहगढ़ कॉलेज कैंपस की 15 फीट ऊंची और 40 फीट लंबी सीमा दीवार पत्थरों से बनी है उसपर सीमेंट की ईंटें और उसपर लोहे की संरक्षक जाली लगी हुई है। मूसलाधार बारिश के की सीमा दीवार के नीचे की जमीन धंस गई और दीवार से सटी मजदूरों की झुग्गियों पर गिर गई। मध्यरात्रि में दीवार ढहने से हुए हादसे में सभी मजदूर गहरी नींद में थे, नतीजन किसी को बाहर भागने का मौका तक न मिल सका।

पुलिस से हादसे की खबर पाकर पुणे मनपा के दमकल विभाग के दस्ते मौके पर पहुंचे। कात्रज-सिंहगड एरंडवना कोथरूड मध्यवर्ती कार्यालय क्यू आर टी के दो दस्ते और एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंची। इन दस्तों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और छह पुरुषों और तीन महिलाओं को मलबे से बाहर निकाला। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के दौरान दो महिलाओं समेत छह लोगों की मौत हो गई जबकि अन्य तीनों का इलाज जारी है। सुबह तक चले राहत कार्य को अब रोक दिया गया है।पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने आला अधिकारियों के साथ मौके का मुआयना किया।
जिलाधिकारी बताया कि, मरनेवालों में चार लोग छत्तीसगढ़ और दो लोग मध्यप्रदेश के रहवासी थे। इस हादसे की पूरी जांच होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस हादसे के लिए कुदरती आपदा और मानवी गलतियां दोनों भी जिम्मेदार हैं। कोंढवा में भीषण हादसे के बाद पुणे मनपा द्वारा शहर में इस तरह के खतरनाक बन चुके जगहों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसमें 287 जगहों की जानकारी हासिल करने के बाद तकरीबन छह हजार झुग्गियों को स्थानांतरित करने की सूचना दी गई है। दुर्भाग्य से सर्वेक्षण पूरा करने के पूर्व ही आज का यह हादसा हुआ। बहरहाल सभी निर्माणकार्य व्यवसायियों और ठेकेदारों को चेताया कि अपने मजदूरों की सुरक्षितता को लेकर एहतियात बरतें और उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराएं।