जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाना ‘सही’, लेकिन केंद्रशासित प्रदेश का फैसला ‘नामंजूर’’: पूर्व केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोले

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कभी-न-कभी निर्णय लेना ही था. यह हमारे देश का अंदरूनी मामला है और यह पूरी दुनिया को बताना चाहिए. यह कहते हुए पूर्व केंद्रीय गृह सचिव माधव गोडबोले ने 370 अनुच्छेद समर्थन किया है. लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग एक स्वतंत्र केंद्रशासित प्रदेश में विभाजन का विरोध किया है.

इस बारे में, माधव गोडबोले ने कहा कि, “भारत में जम्मू और कश्मीर का समावेश करने के लिए धारा 370 की आवश्यकता थी. लेकिन अब के साथ यह बदलाव हो पाया है. इनमें से विवादास्पद मुद्दों को हटाने में कुछ भी गलत नहीं है. यह हमारे देश का अंदरूनी मामला है. इसलिए इस मुद्दे पर किसी दूसरों को इस पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. भारत को दुनिया को यह बताना चाहिए कि यह हमारा घरेलू मामला है.”

साथ ही, उन्होंने लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का विरोध किया है. जम्मू एक हिंदू बहुभाषी है और कश्मीर घाटी मुस्लिम बहुभाषी है, जबकि लद्दाख बौद्ध है. देश को भाषाओं के आधार पर बाँटना गलत बात है. इससे देश के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इससे देश की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है.

वास्तव में,  अभी केंद्रशासित प्रदेश करने की कोई आवश्यकता नहीं है. पांडिचेरी में फ्रांसीसियों का उपनिवेश था, इसलिए उनकी संस्कृति को बनाए रखने के लिए उन्हें अलग दर्जा देने की आवश्यकता नहीं है. ऐसे ही दीव दमन एक केंद्र शासित प्रदेश भी है. उस समय, भले ही इसकी आवश्यकता थी, लेकिन अब  इस क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश के बजाय पड़ोसी राज्य में शामिल किया जाना चाहिए. इसलिए नया केंद्रशासित प्रदेश बनाने की जरूरत नहीं है. ऐसा करने से लद्दाख में अलगाव की भावना बढ़ेगी.