मुख्य सूत्रधार पर रासुका के तहत मामला दर्ज करने और लापरवाह पुलिसवालों को निलंबित करने की मांग
पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन
नए साल के पहले ही दिन पुणे के कोरेगांव भिमा में हुए दंगा-फसाद की साजिश रचनेवाले मुख्य आरोपियों के खिलाफ रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत मामला दर्ज करने और इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग ने जोर पकड़ लिया है। गुरुवार को इसी मांग को लेकर कोरेगांव भिमा विजय रणस्तम्भ सेवा संघ के कार्यकर्ताओं ने पेरने फाटा पर रास्ता रोको आंदोलन करने की कोशिश की। हांलाकि पुलिस ने जमावबन्दी लागू रहने का कारण बताकर इन्हें रोकने की कोशिश की तो आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने लोणीकन्द थाने पर मोर्चा निकाला।
संघ के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया है कि, कोरेगांव भिमा दंगे की साजिश 30 दिसम्बर को सोनाई होटल में रची गई। इस बैठक के बारे में जानकारी देने के बावजूद लोणीकन्द पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस दंगे के मुख्य आरोपी मिलिंद एकबोटे के खिलाफ रासुका के तहत मामला दर्ज करने और पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसवालों को निलंबित करने की मांग इस ज्ञापन में की गई है। सोची- समझी साजिश के तहत 1 जनवरी को कुछ गांवों को बंद रखा गया था, वहां के ग्रामपंचायत के पदाधिकारियों के खिलाफ कारवाई कर उन ग्रामपंचायतों को बर्खास्त करने की मांग की गई है। पुलिस अधिकारियों के सामने सनसवाडी, डिंगरजवाड़ी फाटा और भिमा कोरेगांव में दलितों के घर जलाए जाने का आरोप भी आंदोलनकारियों ने लगाया है।
हवेली उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुहास गरुड, लोणीकंद थाने के पुलिस निरीक्षक सर्जेराव पाटील ने आंदोलनकारियों से ज्ञापन स्वीकारा। इस आंदोलन में कोरेगाव भिमा विजय रणस्तंभ सेवा संघ के अध्यक्ष सर्जेराव वाघमारे, उपाध्यक्ष सचिन कडलग, सागर गायकवाड, सचिव विशाल सोनवणे, संघटक प्रवीण म्हस्के, प्रफ्फुल्ल आल्हाट, सिद्धार्थ गायकवाड, विजय हटाले, कुमार नितनवरे, सनी कांबले, वामन वाघमारे, मनोज शिरसाठ, राजू गवदे, संजय बडेकर, बापू गायकवाड, संतोष पटेकर, आकाश वढवराव, सुनील अवचर, निलेश गायकवाड, मारुती कांबले, निलेश आल्हाट आदि कार्यकर्ता शामिल हुए। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें इस पूरे मामले की व्यापक जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।