दिल्ली में बवाल, प्लॉन बी को लेकर पुलिस पर भी सवाल 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल किया, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में 86 पुलिसकर्मी समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, अब इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है और अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं। माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं।  लाखों की भीड़ और इतनी बड़ी तादाद में ट्रैक्टरों का आना, वह भी 26 जनवरी को परेड के दिन और परेड के वक्त, पुलिस के लिए यह एकदम नई और अभूतपूर्व चुनौती थी। इसके बावजूद पुलिस ने बेहद संयम बरता और हालात और ज्यादा बिगड़ने से रोका। हिंसा हुई लेकिन ऐसी भी नहीं हुई कि हालात संभल न सके।

हालांकि हुड़दंगियों के आईटीओ और लालकिला तक पहुंच जाने से यह भी सवाल उठता है कि आखिरकार पुलिस ने कोई प्लान बी क्यों नहीं तैयार किया और अगर तैयार किया तो फिर उस पर अमल क्यों नहीं हुआ। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि पुलिस ने सिर्फ आंदोलनकारी किसान नेताओं के वादों पर ही कैसे भरोसा कर लिया? हालांकि पुलिस की इस मामले में जरूर सराहना होनी चाहिए कि उसने बेहद संयम से कार्य किया और अगर कहीं भी पुलिसकर्मियों का संयम टूटता तो उसका दूरगामी और बुरा असर होता। पुलिस के संयम करतने का ही नतीजा है कि 12 घंटे से कम वक्त में हुड़दंगियों पर न सिर्फ काबू पाया गया बल्कि उन्हें दिल्ली की मुख्य सड़कों से हटा भी दिया गया।

इस मासूमियत का क्या कहना : बीकेयू के नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वो किसानों को हंगामे और बवाल के लिए उकसाते दिख रहे हैं। इस वीडियो में राकेश टिकैत को कहते हुए सुना जा सकता है कि अपना झंडा भी ले आना और लाठी भी साथ रखना। अब बस आ जाओ, अब जमीन नहीं बचने वाली। जमीन बचाने आ जाओ। लोगों का कहना है कि राकेश टिकैत के इस वीडियो के बाद से प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए। हालांकि, इस वीडियो पर मचे बवाल पर राकेश टिकैत ने सफाई भी दी है और कहा कि हमने उन्हें झंडा में लगाने के लिए अपना डंडा लाने को कहा था।