महापौर के कथित विवादित बयान पर बवाल

पिंपरी। सँवाददाता : क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले को लेकर पिंपरी चिंचवड शहर की महापौर उषा ढोरे द्वारा दिये गए कथित विवादित बयान पर गुरुवार को खासा बवाल मचा रहा। सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा करने के साथ ही आज पिंपरी चौक में विभिन्न संगठनों एवं मनपा मुख्यालय में महापौर कार्यालय के सामने राष्ट्रवादी कांग्रेस की महिला नगरसेविकाओं ने महापौर के खिलाफ आंदोलन किया। हालांकि महापौर ढोरे बीते दिन उन्होंने ऐसा कोई बयान दिए जाने की बात से इंकार किया था, मगर आज उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि, अगर गलती से उनसे कोई ऐसी कोई भूल हुई हो तो उन्हें इसका बेहद अफसोस है।
महापौर उषा ढोरे के गढ़ सांगवी में क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले जयंती के उपलक्ष्य में एक समारोह संपन्न हुआ। इसमें महापौर का सम्मान किया गया, हालांकि यह कार्यक्रम उनके नियोजित कार्यक्रमों का हिस्सा न था। कुछ संगठनों का दावा है कि महापौर ने यहां किये अपने भाषण में सावित्रीबाई फुले को लेकर विवादित बयान दिया, जिसको लेकर कल से महापौर की चहुंओर निंदा की जा रही है। हालांकि उनके इस कथित विवादित बयान का कोई वीडियो या ऑडियो अब तक सामने न आ सका है। आज दिन भर महापौर के खिलाफ आंदोलनों के दौर चलता रहा और उनके बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की जाती रही।


आज विभिन्न संगठनों ने महापौर उषा ढोरे के विरोध में आंदोलन किया। मनपा में प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस की महिला
नगरसेविकाओं ने भी मनपा मुख्यालय स्थित महापौर कार्यालय के बाहर बैठकर आंदोलन किया। इसमें भूतपूर्व महापौर डॉ. वैशाली घोडेकर, नगरसेविका व राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की अध्यक्षा वैशाली कालभोर, नगरसेविका सुलक्षणा धर शिलवन्त, पूर्व नगरसेविका भारती फरांदे, गंगा धेंडे और समता परिषद की कार्यकर्ता सहभागी हुए। महापौर का धिक्कार करते हुए उनके इस्तीफे की पुरजोर मांग इस दौरान की गई। आखिरकार महापौर उषा ढोरे ने उनके समक्ष आकर

खेद जताते हुए कहा कि अगर गलती से उनसे कोई ऐसी कोई भूल हुई हो तो उन्हें इसका बेहद अफसोस है। उनके खेद जताने के बाद नगरसेविकाओं ने आंदोलन वापस लिया।