RBI ने बदल दिया बैंक में डिमांड ड्राफ्ट बनवाने का नियम

मुंबई : पुणे समाचार
ब्लैक मनी को रोकने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक बड़े प्रयास कर रही हैं। इसी लिस्ट में भारतीय रिजर्व बैंक ने डिमांड ड्राफ्ट के नियमों में बदलाव किए हैं, जिन्हें जानना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। इसके तहत यदि कोई व्‍यक्ति डिमांड ड्राफ्ट बनवाता है तो उस पर अब उसका भी नाम दर्ज होगा। अभी तक डिमांड ड्राफ्ट पर सिर्फ उसी व्‍यक्ति का नाम होता था, जिसके खाते में पैसा जाता था।

इसके पहले भी आरबीआर्इ मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मकसद से कई कदम उठा चुका है। आरबीआई ने 50,000 रुपये से ज्यादा के डिमांड ड्राफ्ट की रकम को ग्राहक को कैश में देने से रोक लगार्इ हुर्इ है। इसे उसके खाते या फिर चेक के जरिए देने का आदेश दिया है। हालांकि, इस मामले में भी डिमांड ड्राफ्ट पर बनवाने वाले का नाम लिखना जरूरी नहीं था। अब 50 हजार रुपये से ज्यादा के डिमांड ड्राफ्ट पर भी यह करना जरूरी होगा।

रिजर्व बैंक ने सभी कमर्श‍ियल बैंकों , कोऑपरेटिव बैंकों और जिला केंद्रीय कोऑपरेटिव बैंकों समेत पेमेंट्स बैंकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इन बैंकों को साफ लहजे में कहा गया है क‍ि इन्हें 15 सितंबर से इस नये नियम को लागू करना होगा। आरबीआई ने इसके लिए नो योर कस्‍टमर (KYC) के नियमों में संशोधन किया है। यह संशोधन केवाईसी के मास्टर डायरेक्शन की धारा 66 में किया गया है। आरबीआई समय-समय पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को काले धन पर अंकुश लगाने और मनी लॉन्ड्र‍िंग पर लगाम कसने के लिए कदम उठाने के लिए कहता रहता है।