दादा को सलाम ! उम्र के 93 वर्ष में लिया मास्टर डिग्री, अब एमफिल की तैयारी में

नई दिल्ली, 19 फरवरी – शिक्षा पाने की कोई उम्र नहीं होती है।  हम अंत तक विधार्थी रहकर बड़ी सफलता पा सकते है।  इसका अनुभव इग्नू के दीक्षांत समारोह में हुआ है।  उम्र में 93 साल में सीआई सुब्रमणियम ने अपना मास्टर डिग्री पूरा किया है. इस दीक्षांत समारोह में वह सबसे सीनियर विधार्थी थे. उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल की है. इस दीक्षांत समारोह में एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल भी मौजूद थे. उन्होंने शिवा की 93 वर्ष के युवा के रूप में संबोधित किया। 1940 में शिवा की स्कूली  शिक्षा पूरी हो गई थी. इसके बाद उन्हें कॉलेज जाना था. लेकिन माता पिता के बीमार होने की वजह से वह शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाए और उन्हें नौकरी करना पड़ा. उस वक़्त शिवा चेन्नई में रहते थे. इसके बाद वह दिल्ली शिफ्ट हो गए. यहाँ उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स में क्लर्क की नौकरी की. इसके बाद 1968 में उन्होंने 58 साल की उम्र में डायरेक्टर पद से सेवानिवृत हुए.

शिक्षा का सपना रहा अधूरा 
लेकिन उनका शिक्षा पूरी करने का सपना अधूरा ही था. परिवार की जिम्मेदारी की वजह से वह शिक्षा पूरी नहीं कर पाए. इसके बाद उन्होंने  इग्नू से फिजियोथेरेपिस्ट का कोर्स करने की सोची। उन्होंने डॉक्टरों से इस संबंध में बात की. इग्नू में कोर्स करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है।  इसके बाद शिवा ने इस कोर्स में एडमिशन लिया। उस वक़्त शिवा ने कहा था, मुझे नहीं पता इस कोर्स के पूरी होने तक मैं जिंदा रहूँगा या नहीं। शिवा के परिवार के लोगों की शिक्षा पूरी हो चुकी है. कुछ की शादी भी हो चुकी है और वह अमेरिका में रहते है. शिवा यही नहीं रुके।  इसके बाद उन्हें एमफिल करने की इच्छा हुई. इस पर उनके  बेटे ने कहा  कि एमफिल में काफी कम सीटें होती है।  वह किसी और की सीट कम कर देंगे। इस लिए वह कम समय में पूरी होने वाला कोर्स ढूंढ रहे है.