मुंबई : समाचार ऑनलाइन – देश के बड़े बैंकों में एक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई ) अनेक तरह के अकाउंट खोलने की सुविधा देता है। जिसमें पैसों की बचत के साथ ही उसे बढ़ाने का भी विकल्प मिलता है। जिसमें से एसबीआई का ‘सेविंग्स प्लस अकाउंट’ भी एक है। यह अकाउंट मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट (एमओडी) से लिंक होते हैं। इसमें सरप्लस अमाउंट एक तय सीमा से अधिक होने पर खुद-ब-खुद फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) में ट्रांसफर हो जाता है।
बता दें कि एसबीआई के ‘सेविंग्स प्लस अकाउंट’ को कोई भी व्यक्ति खोल सकता है जो कि बैंक में सेविंग अकाउंट खोलने के योग्य है। इस अकाउंट को सिंगल या फिर ज्वाइंट रूप से संचालित किया जा सकता है। इस अकाउंट में मंथली एवरेज बैलेंस रखना अनिवार्य है। जो कि अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से निर्धारित किया गया है। मेट्रो के लिए 3000 रुपये, अर्बन एरिया में 3000 रुपये, सेमी-अर्बन एरिया में 2000 रुपये और रुरल क्षेत्रों में 1000 रुपये निर्धारित है। ‘सेविंग प्लस अकाउंट’ में एसबीआई के बचत बैंक खाते के बराबर ही ब्याज मिलता है।
सेविंग्स प्लस अकाउंट में 25,000 रुपये से ऊपर की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाती है जो कि न्यूनतम 10,000 रुपये होती है और ये 1000 रुपये के मल्टीपल में होती है। इसका मतलब यह हुआ कि मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट अकाउंट में ट्रांसफर के लिए न्यूनतम थ्रेसहोल्ड लिमिट 35,000 रुपये की है। सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर्स को दी जाने वाली हर सेवा जैसे कि एटीएम कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और एसएमएस अलर्ट जैसी सुविधाएं भी एसबीआई के सेविंग प्लस अकाउंट में उपलब्ध होती हैं। इसके साथ ही मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट्स पर लोन की भी सुविधा भी उपलब्ध होती है।