सिक्युरिटी कंपनी के अधिकारियों ने ही करोड़ों रुपए पर किया हाथ साफ

लिंक इनटाइम कंपनी के अधिकारियों ने किया 3 करोड़ 62 लाख रुपए का गबन
पुणे समाचार ऑनलाइन – अल्फा लावल कंपनी ने अपने साझेदारों को बांटने के लिए दिए रकम पर अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा करोड़ो रुपए पर हाथ साफ किए जाने का मामला उजागर हुआ है। लिंक इनटाइम कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने आपस में मिलीभगत कर फर्जी खाता खोलकर कंपनी के 3 करोड़ 62 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने नवी मुंबई से एक शेअर एजंट को गिरफ्तार किया है।
सोनू निर्मला अग्रवाल (38, नवी मुंबई) गिरफ्तार एजंट का नाम है। उसने लिंक इनटाइम इंडिया कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी का फर्जी बैंक खाता खोलकर देने में मदद की थी। इस बारे में पुलिस ने बताया कि अल्फा लावल इस कंपनी के शेअर यह स्टॉक एक्सचेंस से डिलिट करने के बाद उनके कुछ साझेदारों के शेअर रद्द हुए थे। इन साझेदारों के कंपनी के शेअर्स के बदले में उन्हें प्रति शेअर्स 4 हजार रुपए देने की बात हुई थी। इन साझेदारों को पैसे देने की जिम्मेदारी लिंक इनटाइम इंडिया कंपनी को सौंपा गया था। इन शेअर्स की रकम लिंक इनटाइम इंडिया कंपनी ने उपलब्ध रिकॉर्ड और उन्होंने दिए रिकॉर्ड के आधार पर साझेदारों को दिया जाना था। इस दौरान कुछ साझेदारों की मृत्यु हो चुकी है, तो कुछ के पत्ते बदल गए हैं।
संबंधित साझेदारियों का कंपनी के पास जो पत्ता रजिस्टर था, वह नहीं मिलने की वजह से साझेदार वापस कभी कंपनी को नहीं मिले। लिंग इनटाइम इंडिया कंपनी के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों को इस बात भनक लगने के बाद कंपनी के ढोले पाटिल स्थित कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारियों ने एक दूसरे साथीदार ने संबंधित 18 साझेदारों के पहचानपत्र, निवासी सबूत, बैंक के कागजात, डिमांडपत्र ऐसे दस्तावेज फर्जी तैयार किए और साझेदारों के पैसे दिए ऐसा दिखाकर उन्होंने अल्फा लावल कंपनी के 3 करोड़ 62 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। यह पूरा मामला 2015 का है। कंपनी को इस बात की जानकारी मिलते ही जुलाई 2018 में अपराध शाखा में इस बात की शिकायत की थी।
इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रदीप देशपांडे, उपायुक्त ज्योति प्रिया सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त निलेश मोरे के मार्गदर्शन में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मोहन जाधव, पुलिस सिपाही अमृता हरबा, संदीप गिहे ने जांच की है।