Bjp Leader | वसूली का रिमोट कंट्रोल ही शरद पवार है क्या? भाजपा नेता की टिप्पणी

मुंबई : ऑनलाइन टीम – बीजेपी विधायक (Bjp Leader) अतुल भातखळर ने ‘एक तिर दो निशान’ साधा है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर निशाना साधा है। सबको पता है भातखळर आलोचना करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। नाना पटोले का कहना है कि शरद पवार महाविकास अघाड़ी सरकार का रिमोट कंट्रोल हैं। इस पर बीजेपी विधायक (Bjp Leader) अतुल ने कहा कि ‘उनका यह कथन शत प्रतिशत सत्य है। क्या यह सिर्फ सरकार की ही नहीं, राज्य में चल रही वसूली की दूरदर्शिता भी है? क्या आप नाना को सुझाव देना चाहते हैं?’

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भातखळर ने आगे कहा कि एक ही समस्या है कि टीवी घर में बंद होने के कारण रिमोट बेकार हो गया है। दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि वह अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया था कि कांग्रेस पार्टी 2024 में अपने दम पर महाराष्ट्र में अपनी सत्ता लाएगी। इस पर शरद पवार ने पटोले पर सीधा हमला करते हुए कहा था कि वह छोटे आदमियों की बात नहीं कर रहे हैं। विरोधी इसकी आलोचना कर रहे हैं।

नाना पटोले ने बुधवार को साफ कर दिया था कि शिवसेना और राकांपा के अपने-अपने दम पर लड़ने की घोषणा के बावजूद 2014 की तर्ज पर हालात दोबारा नहीं बनने चाहिए और अपने दम पर लड़ना शुरू कर देना चाहिए।

पटोले ने कहा था कि शरद पवार राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार का रिमोट कंट्रोल हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘समय आने पर मैं खुद पवार से मिलूंगा, लेकिन वह समय अभी नहीं आया है।’ पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं द्वारा मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे मैं निभाऊंगा। मैं किसी शिवसेना या राकांपा पर हमला नहीं कर रहा हूं, मैं भाजपा पर हमला कर रहा हूं।’ पटोले के इस बयान के बाद से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। नाना पटोले और शरद पवार के बीच भी चर्चा चल रही थी।

इस बीच नाना पटोले मामले को रिकवर करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की साइकिल रैली के दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा- शरद पवार राकांपा के अध्यक्ष हैं। उन्हें अपनी पार्टी बनाने का अधिकार है। मेरी पार्टी को खड़ा करना मेरा अधिकार है। इसलिए शरद पवार हमसे नाराज़ नहीं हैं। बीजेपी महाविकास अघाड़ी सरकार को मुश्किल में डालने की कोशिश कर रही है। ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि उनके साथ गए नेता भाग न जाएं। संगठन और सरकार में अंतर होता है। हर कोई अपनी पार्टी का विस्तार करने की कोशिश कर रहा है और किसी के विरोध का कोई कारण नहीं है।

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