कोलकाता.ऑनलाइन टीम : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और ममता बनर्जी की लड़ाई में अब मराठा क्षत्रप शरद पवार भी कूद पड़े हैं। उन्होंने पार्टी की ओर से भाजपा पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ केंद्र की शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। कहा है कि राज्य से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों का स्थानांतरण एक “बहुत गंभीर” मामला है ।
बता दें कि 17 दिसंबर को केंद्र सरकार ने बंगाल के तीन IPS अधिकारियों को राज्य सरकार की आपत्तियों को खारिज करते हुए तत्काल प्रभाव से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए रिपोर्ट करने के लिए कहा। इस महीने के शुरू में कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के एक दिन बाद उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।
एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि “पश्चिम बंगाल सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा केंद्र की शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है। बिना किसी सहमति के, IPS अधिकारियों को राज्य से वापस ले लिया गया है। यह बहुत गंभीर मामला है। शरद पवार अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। बैठक दिल्ली में कहीं होगी। यदि आवश्यक हुआ तो पवार निश्चित रूप से पश्चिम बंगाल जाएंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों को बाहर स्थानांतरित करने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले को ‘डराने’ वाला करार दिया है। उनके एक अधिकारी ने कहा, ‘तीन आईपीएस अधिकारियों को मुक्त करने की हमारी इच्छा नहीं है और हमने इससे केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है। इन अधिकारियों के पास महत्वपूर्ण दायित्व है और हमें उनकी जरूरत है।’ तीनों आईपीएस अधिकारियों- भोलानाथ पांडे (पुलिस अधीक्षक, डायमंड हार्बर), प्रवीण त्रिपाठी (पुलिस उप महानिरीक्षक प्रेसिडेंसी रेंज) और राजीव मिश्रा (अतिरिक्त महानिदेशक, दक्षिण बंगाल)- को नौ और 10 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष नड्डा की राजनीतिक रूप से संवेदनशील पश्चिम बंगाल की यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन तीन अधिकारियों को पश्चिम बंगाल सरकार के करीब माना जाता है।