नागरिकता कानून पर शरद पवार का बड़ा बयान, ‘कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए’

पुणे : समाचार ऑनलाइन – नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में हिंसक प्रदर्शन जारी है। दिन व दिन उपद्रवी हिंसक होते जा रहे है। उपद्रवी पुलिस पर पथराव कर रहे है। जगह-जगह आगजनी की जा रही है। भीड़ को संभाल के लिए पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज करनी पढ़ रही है। इस बीच शरद पवार ने भी नागरिकता कानून पर बयान दिया है। पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि ‘एनआरसी और सीएए को लेकर देश भर के लोगों में गुस्सा है। लोग इस पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे है। सरकार को लोगों को समझाना चाहिए। ताकि ये हिंसा और आगे न बढ़े। साथ ही शांति व्यवस्था बने रहे।’

कानून को अपने हाथ में लेना सही नहीं  –
नागरिकता संशोधन विरोध प्रदर्शन पर शरद पवार ने साफ़-साफ़ कहा कि हिंसा किसी भी हालत में सही नहीं होता। कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को भी अधिकार नहीं है। चाहे वो मेरे पार्टी (एनसीपी) के कार्यकर्ता ही क्यों न हो। इसे पुब्लिक प्रॉपर्टी डेमेज होती है। इसमें हमारा ही नुकसान है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोई हिंसा पे न उतरे।

एनडीए के साथ नितीश कुमार के बयान पर किया टिप्पणी –
देश भर में एनआरसी लागु करने के बात पर शरद पवार ने कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार में जनता दल (युनाइटेड) के मुखिया और मुख्यमंत्री नितीश कुमार एनडीए के साथी है। नितीश कुमार भी एनआरसी के खिलाफ है। जब उनके साथ इसका विरोध कर रहे है तो बाकि लोग तो करेंगे ही। बीते दिन नितीश कुमार ने बिहार समेत पूरे देश में एनआरसी लागू कराए जाने के गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कहा थाकि ‘काहे का एनआरसी।  बिल्कुल लागू नहीं होगा एनआरसी।’

अर्थव्यस्था से ध्यान भटका रहा सरकार –
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि देश में आए हुए पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अफगानिस्तान लोगों को देश से बाहर निकाला। हिन्दू, मुस्लिम से धार्मिक ठेस पहुँचती है। इस तरह से सरकार आर्थिक मंदी से ध्यान भटका रही है।

नागरिकता कानून पर महाराष्ट्र सरकार का फैसला –
नागरिकता कानून पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले के जवाब में पवार ने कहा कि ‘देश भर नागरिकता कानून पर हो रहे विरोध से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद चिंतित है। अभी तक हमारी इस बारे में कोई बात नहीं हुई है। इस पर हम चर्चा करेंगे।

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