महाराष्ट्र में शिवसेना अकेले लड़ेगी चुनाव 

मुंबई: महारष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।  2014 विधानसभा चुनाव के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन बनाकर महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनायीं थी। लेकिन 2019 के चुनाव में अबतक सब विपरीत दिखाई पढ़ रहा हैं। शिवसेना ने मुखपत्र सामना के संपादकीय में दो ऐसी बातें कही गई हैं जो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। जिसमे शिवसेना ने 2014 के गठबंधन को राजनीतिक दुर्घटना कहा हैं।  वही 2019 में महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़कर सरकार बनाने की बात कही हैं।
अमित शाह ने मुलाकात की
आगे सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है कि 2019 में कौन बनेगा प्रधानमंत्री इसका फैसला पार्टी करेगी।  कुछ दिन पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपने निवास मातोश्री में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात की थी. लेकिन सामना के इस संपादकीय के बाद एक बार फिर साबित हो गया है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
हमेशा प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर रहते हैं
संपादकीय में शिवसेना ने कहा गया है कि,  सत्ता का लालच हम पर कभी नहीं चढ़ा और ना ही कभी चढने देंगे।  आज देश की स्थिति कैसी हैं ऐसे सवाल पेश किये हैं।  कश्मीर में जवानों की हत्या जारी है।  सरकार क्या कर रही हैं।
आगे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश यात्रा पर भी सवाल उठाये हैं।  जिसमे कहा गया है कि, हमेशा प्रधानमंत्री विदेश यात्रा पर रहते हैं।  यहाँ पुरे देश के जनता परेशान है। शिवसेना की राह कभी आसान नहीं रही है।  उसकी राह हमेशा ऊबड़खाबड़ रास्तों से ही गुजरी है।  महाराष्ट्र में शिवसेना अपने दम पर खुद की सरकार बनाएगी।
बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़े थे
साल 2014 के विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से बीजेपी ने 122, शिवसेना ने 60, कांग्रेस ने 42, एनसीपी ने 41 सीटें जीती थीं. इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़े थे।  हालांकि बाद में बीजेपी ने शिवसेना से गठबंधन करके राज्य में अपनी सरकार बना ली थी।  अभी हालही में हुए उपचुनाव में बीजेपी को विपक्ष से कड़ी टक्कर मिली है. जैसे-जैसे 2019 का चुनाव सामने आ रही है आगे राजनीती रोचक और बढ़ने वाली होगी।