चौकाने वाली खबर! 50 वर्षो से मिल रही ये छूट खत्म होगी

पुणे : समाचार ऑनलाईन – प्रॉपर्टी का इस्तेमाल उसके मालिक ही कर पाए इसके लिए टैक्स वसूलने के वक्त मौजूदा रेटेबल वैल्यू पर पिछले 50 वर्षों से दी जाने वाली 45 फीसदी की छूट इस वर्ष से बंद कर दी  गई है। वास्तविकता में सरकार ने प्रशासन को 2011 से यह छूट बंद करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत मनपा प्रशासन ने 2011 के बाद टैक्स वसूले जा चुके प्रॉपर्टीज को दी गई छूट की रकम संबंधित प्रॉपर्टीधारकों से वसूल करने का प्रस्ताव तैयार किया है। लेकिन इस प्रस्ताव पर स्थायी समिति और जनरल बॉडी क्या निर्णय लेती है उस पर इसका भविष्य निर्भर करता है।

प्रॉपर्टी के रेट के अनुसार टैक्स वसूल की जाती है
मनपा की नई प्रॉपर्टीज से टैक्स कलेक्शन करते वक्त उस वर्ष की प्रॉपर्टी के रेट के अनुसार टैक्स वसूल की जाती है। मार्च 1970 में प्रॉपर्टी का इस्तेमाल घर मालिकों द्वारा किया जा रहा था तो इसे प्रोत्साहन देने के लिए रेटेबल वैल्यू में 45 फीसदी की छूट देकर टैक्स वसूलने का निर्णय मनपा की जनरल बॉडी में लिया गया था। इसके अनुसार पिछले 50 वर्षों से इसी सिस्टम से टैक्स वसूले जा रहे थे। इस दौरान किसी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल किरायेदार द्वारा किए जाने की बात सामने आने पर प्रॉपर्टीधारक को दी गई छूट रद्द कर दी जाती थी।

टैक्स में दी गई छूट पर विरोध जताया था
इस बीच वित्त वर्ष 2012-13 में केंद्र के महालेखा परीक्षकों ने मनपा का ऑडिट करते हुए प्रॉपर्टी टैक्स में दी गई छूट पर विरोध जताया था। इस पर वित्त वर्ष 2011-12 से यह छूट रद्द करने का आदेश राज्य सरकार ने मनपा को दिया था, लेकिन अगले कुछ वर्ष मनपा ने इससे अपनी नजरें हटा ली थी, लेकिन हाल ही में मनपा की कमाई बढ़ाने के लिए स्थापित किए गए रेवेन्यू कमेटी ने घर मालिकों से टैक्स वसूलने में रेटेबल वैल्यू में दी गई 45 फीसदी की छूट बंद करने के राज्य सरकार के आदेश के अमल पर चर्चा की। इतना करते हुए भी मनपा ने 1970 में छूट के मूल प्रस्ताव को टूकड़ों में स्वीकार किया। इसके बाद मनपा प्रशासन ने अप्रैल 2019-20 के वित्त वर्ष से नई प्रॉपर्टीज से टैक्स वसूलते हुए यह छूट बंद की दी है। 2011-12 के प्रस्ताव पर अमल करने के लिए इसे फिर से जनरल बॉडी में लाकर प्रस्ताव को मंजूर कराना होगा। प्रशासन ने इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार किया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस प्रस्ताव को स्थायी समिति से होते हुए जनरल बॉडी में रखा जाएगा।

जनरल बॉडी क्या निर्णय लेगी इस पर प्रस्ताव को भविष्य निर्भर 
2011 से मनपा द्वारा यह छूट रद्द होने से पुणेवासियों को पिछले आठ वर्षों से खत्म छूट की रकम मनपा को देनी होगी। 2011 के बाद शहर में बड़े पैमाने पर नागरिकीकरण हुआ। इस अवधि में दो से तीन लाख प्रॉपर्टीज से ही टैक्स वसूल किए गए। इन सभी प्रॉपर्टीधारकों पर इसका असर होगा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी और विरोधियों की इस पर क्या भूमिका रहती है, इस पर इस प्रस्ताव का भविष्य निर्भर करता है।