पिंपरी चिंचवड़ मनपा के 41 अधिकारियों को शो कॉज नोटिस!

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

लेखापरीक्षण में दर्ज की गई लंबित आपत्तियों की पूर्तता में लापरवाही और रिकॉर्ड उपलब्ध न कराने को लेकर पिंपरी चिंचवड़ मनपा के 41 विभागप्रमुख और शाखाप्रमुखों को शो कॉज नोटिस जारी की गई है। इसमें 7 दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा गया है कि उनकी एक साल की वेतनवृद्धि क्यों न रोक ली जाय? मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर की इस नोटिस से मनपा गलियारे में खलबली मच गई है।

पिंपरी चिंचवड मनपा के बीते 27 सालों के।कामकाज के लेखापरीक्षण में तकरीबन 800 करोड़ रुपए के 33 हजार से भी ज्यादा आपत्तिजनक व्यवहार पाए गए हैं। इन आपत्तियों के निराकरण के लिए रिकॉर्ड याने फाइलें उपलब्ध करानी जरूरी है, जोकि आज तक नदारद है। इतने सालों पूर्व के कामकाज से सम्बंधित अधिकारी, ठेकेदार कौन हैं, उन्हें अब कहाँ खोजा जाय? यह सबसे बड़ा सवाल मनपा अधिकारियों को सता रहा है। इसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगने से प्रशासन ने लेखापरीक्षण की रिपोर्ट को गम्भीरता से लिया। अगर लेखापरीक्षण के लिए फाइलें उपलब्ध नहीं कराई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, यह चेतावनी दी गयी। यह कुछ हद तक असरदार भी साबित हुई लेकिन 33 हजार से भी ज्यादा आपत्तियों का निराकरण अब तक नहीं हो सका है। इस पर मनपा आयुक्त ने फिर से कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए 47 विभागप्रमुखों को नोटिस जारी की थी। इसके लिए उन्हें डेडलाइन भी तय कर दी गई थी जिसे बढ़ाने की गुहार लगने के बाद 31 दिसम्बर 2017 कर दिया गया था।

मियाद बढ़ाने के साथ साथ दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी उन्हें दी गई। इसके बाद लेखापरीक्षण विभाग ने आपत्तिजनक, वसूल करने योग्य और लेखापरीक्षण के लिए उपलब्ध नहीं कराए गए रिकॉर्ड की विभागवार सूची तैयार की। इसके बाद भी 25 फीसदी से भी कम रिकॉर्ड उपलब्ध कराए जा सके हैं। इसके चलते लेखापरीक्षण विभाग ने रिकॉर्ड उपलब्ध न कराने वाले विभागों की सूची ही मनपा आयुक्त को सौंप दी। आयुक्त के अल्टीमेटम के बाद भी विभागप्रमुखों की उदासीनता दूर न हो सकी है। नतीजन आयुक्त ने उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का फैसला किया है। लेखापरीक्षण के रिकॉर्ड गायब करने को लेकर एक साल की वेतनवृद्धि क्यों न रोक दी जाय? इस आशय की शो कॉज नोटिस मनपा के 41 विभाग व शाखा प्रमुखों को जारी की गई है। उन्हें इस नोटिस का सात दिनों के भीतर जवाब देने के आदेश दिए गए हैं। इससे मनपा अधिकारियों की नींद उड़ गई है।