नई दिल्ली, 6 फरवरी – लोग कुछ रकम जिसे वह कही इन्वेस्ट नहीं करते है उसका फिक्स्ड डिपॉजिट करना चाहते है। लेकिन ऐसे लोगों के लिए एक ऐसा भी विकल्प है जहां इन पैसो को एफडी से अधिक ब्याज पाया जा सकता है. इस रकम को हम स्वीप-इन-डिपॉजिट में जमकर अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते है.
क्या है स्वीप-इन-डिपॉजिट
इसमें बैंक आपके दवारा तय किये गए रकम को सेविंग अकाउंट से स्वीप-इन-डिपॉजिट इन डिपॉजिट अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। इस स्वीप-इन-डिपॉजिट की अवधि 1 साल से 5 के लिए होती है. अवधि के हिसाब से इसका ब्याज दर भी तय होता है। इसमें आपको अधिक ब्याज मिलता है.
क्या है अन्य बैंको का नियम
भारतीय स्टेट बैंक में सेविंग प्लस अकाउंट की मदद से यह काम हो जाता है. इसके तहत इस अकाउंट में जरुरत से अधिक जितनी भी रकम होगी वह खुद व खुद स्वीप-इन-डिपॉजिट में ट्रांसफर हो जाएगी। HDFC बैंक में इस सुविधा को स्वीप-इन-डिपॉजिट और ICICI बैंक में इस सुविधा को फ्लेक्सी डिपॉजिट कहा जाता है. दोनों में एक अंतर होता है.
फ्लेक्सी डिपॉजिट में बैंक अपने आप अधिक रकम को डिपॉजिट में डाल देता है। वही स्वीप-इन-डिपॉजिट में इस सुविधा को आपको मेनुअली शुरू करना होता है.
कौन ले सकता है इसका फायदा
यह सुविधा सभी ग्राहकों को नहीं दिया जाता है. इस खास सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको कम से कम 25 हज़ार का एफडी खोलना होगा।
क्या है फायदा
इस सुविधा की मदद से आप एक बड़ी पूंजी तैयार कर सकते है। छोटी जरूरतों के लिए आपको रेगुलर इन्वेस्टमेंट या एफडी की जरुरत नहीं पड़ेगी। समय से पहले रकम की निकासी पर आपको कोई फाइन नहीं देना होगा।