…इसलिए पुणे में लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी

पुणे : राज्य के कई बड़े शहरो में कोरोना मरीजो की संख्या तेजी से बढ रही है। इसमे पुणे सबसे ऊपर है। ऐसे में लॉकडाउन के बारे में बोलते हुए पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल ने कहा कि शहर के अलग-अलग अस्पताल में 4 हजार 900 मरीजों का इलाज हो रहा है। उसमें अब रोज बढ़ने वाले मरीज और ठीक होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या लगभग बराबर ही है। अब मरीजो को बेड उपलब्ध होने के प्रमाण भी बढ़ने लगे हैं। इसलिए पुणे शहर में लॉकडाउन की जरूरत नहीं है।

मनपा आयुक्त के आदेशानुसार प्राइवेट अस्पताल में 80 प्रतिशत बेड रिजर्व रखने का निर्णय लिया है। कुल मिलाकर 5 हजार बेड रिजर्व रखा है। प्राइवेट अस्पताल की ओर से यह बेड अलग-अलग चरणों में उपलब्ध कराया जा रहा है। ऑक्सीजन और वेंटिलेटर वाले 2500 बेड और बढाए जाएंगे। जल्द ही बेड की संख्या 7 हजार के आसपास होगी। वही मध्यम लक्षण वाले मरीजो को 10 दिनो में डिस्चार्ज करने का आदेश भी प्राइवेट अस्पताल को दिया गया है। उनपर नियंत्रण रखने के लिए मनपा अधिकारियो की हॉस्पिटलवार नियुक्ति की गई है। रोज आनेवाले मरीजो में से 10 प्रतिशत को ही अस्पताल जाकर इलाज की जरूरत पड़ती है। उसी समय 10 प्रतिशत मरीज ठीक होकर घर भी जाते हैं। यह तालमेल व्यवस्थित रूप से रखा गया और अतिरिक्त बेड को बफर के रूप में इस्तेमाल किया गया तो मरीजों का इलाज करना आसानी से संभव होगा।

महापौर मोहोल ने कहा कि पुणे मनपा प्रशासन द्वारा किया गया नियोजन, साथ ही लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए शुरू मुहिम को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि हम अपनी कोशिश में सफल होंगे। लोग अगर सुरक्षा के नियमों का पालन करे तो पुणे शहर को लॉकडाउन की जरूरत ही नहीं होगी। लॉकडाउन का नुकसान सबको होगा। इसलिए पुणेकर से सहयोग की उम्मीद है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महापौर ने तुरंत समीक्षा बैठक की। मनपा आयुक्त विक्रम कुमार, अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।