राज्य सरकार अब ‘मोटर व्हीकल एक्ट’ के जुर्माने में बदलाव नहीं कर सकेगी, राष्ट्रपति से लेनी होगी परमिशन

नई दिल्ली, 7 जनवरी – सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को भेजे गए परामर्श में कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम 2019 संसद से पारित कानून है. ऐसे में राज्य सरकारें जुर्माने की सीमा घटाने को लेकर कोई कानून पास नहीं कर सकती हैं न ही कोई आदेश जारी कर सकती हैं. इसके लिए उन्हें संबंधित कानून में बदलाव के लिए राष्ट्रपति की सहमति लेनी होगी।

दरअसल कुछ राज्यों ने जुर्माने की राशि कम कर दिया है जिसे लेकर परिवहन मंत्रालय ने विधि मंत्रालय से क़ानूनी सलाह मांगी थी। नया वाहन अधिनियम एक सितंबर 2019 से लागू है.
राष्ट्रपति की सहमति जरुरी 
मंत्रालय ने परामर्श में कहा है कि विधि एवं न्याय मंत्रालय ने देश के ऑटोर्नी  जनरल से उनकी राय लेने के बाद सलाह दी है. उन्होंने माना है कि मोटर वाहन अधिनियम 1998 को मोटर वाहन अधिनियम 2019 के जरिए संशोधित किया गया हैं. इसमें राज्य सरकारें तय जुर्माने की रकम को तब तक कम नहीं कर सकती है जब तक इस पर राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिल जाती है. सरकार का इससे पहले कहना था कि गुजरात, कर्नाटक, मणिपुर और उत्तराखंड ने कुछ मामले में जुर्माने की रकम को कम किया था. संविधान की धारा 256 के तहत केंद्र सरकार को संबंधित कार्य के लिए राज्यों को जरुरी निर्देश देने का अधिकार है.