महिलाओं के हाथों में आयी एसटी बसों की स्टेयरिंग

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) बसों को चलाने के लिए आदिवासी समुदाय की महिलाओं का चयन किया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए 163 महिलाओं का चयन किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कल इस पहल का उदघाटन किया। इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयनित की गई महिलाओं काे भारी वाहन चलाने के प्रशिक्षण दिया जाएगा और बाद में उन्हें राज्य द्वारा संचालित बस सेवा में ड्राइवर के रूप में शामिल किया जाएगा।
ये महिलाएं गढ़चिरौली, वर्धा, भंडारा-गोंदिया जिलों सहित राज्य के आदिवासी हिस्सों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सुझाव दिया कि, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम को महिला ड्राइवरों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उन्हें घ्‍रों से दूर नहीं भेजना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि ड्राइवरों को उनके रात्रि प्रवास के दौरान सुरक्षित स्‍थान प्रदान किया जाये। महिलाओं को शिक्षा प्रदान करना और उन्हें विकास की ओर अग्रसर करने से हमारे देश की भी प्रगति होगी। आदिवासी समुदाय हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस आयोजन में राज्य के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि, राज्य सरकार महिला चालकों की सुरक्षा और सुरक्षा पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। यह देश में इस तरह की अनूठी पहल है। सरकार के इस फैसले से ये महिलाएं काफी खुश हैं। ड्राइवर के लिए चयनित हुई महिला विजया राजेश्वरी ने कहा मुझे ऐसा लग रहा है कि आज पूरा सपना पूरा हो गया है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं गाड़ी चलाऊंगी, मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। ये महिलाएं गढ़चिरौली, वर्धा, भंडारा-गोंदिया जिलों सहित राज्य के आदिवासी हिस्सों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।