शेयर बाजार : प्रमुख आर्थिक आंकड़ों, आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक पर रहेगी नजर

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संकेतों और जोरदार लिवाली से तेजी का रुझान देखने को मिला, लेकिन इस सप्ताह बाजार की नजर प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों पर होगी।

नए वित्तवर्ष 2019-20 (अप्रैल-मार्च) में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पहली दो मासिक बैठक दो अप्रैल से शुरू होन जा रही है। बैठक के फैसलों की घोषणा चार अप्रैल को होगी। बाजार विश्लेषक आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में फिर कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इससे पहले सात फरवरी की बैठक में एमपीसी ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था।

इससे पहले, सप्ताह की शुरुआत में घरेलू व वैश्विक स्तर पर कुछ प्रमुख आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं जिससे शेयर बाजार के रुख तय होंगे। निक्की इंडिया पीएमआई के मार्च के आंकड़ों की घोषणा मंगलवार को होने वाली है पिछले महीने फरवरी की पीएमआई में प्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई थी। फरवरी में निक्की इंडिया पीएमआई जनवरी के 53.9 से बढ़कर 54.3 हो गया था।

इसके अलावा, घरेलू बाजार पर विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में उतार-चढ़ाव का भी असर देखने को मिलेगा। खासतौर से अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर बातचीत में प्रगति का बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।

वहीं, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान से भी बाजार को दिशा मिलेगी। उधर, जापान पर सोमवार को जारी होने वाले पहली तिमाही के टंकण लार्ज मैन्युफैक्च रिंग इंडेक्स के आंकड़ों पर भी बाजार की नजर होगी। वहीं, चीन में मार्च महीने का कैक्सिन मैन्युफैक्च रिंग पीएमआई डाटा भी सोमवार को ही जारी हो रहे हैं। फरवरी में यह पिछले महीने के 48.3 से बढ़कर 49.9 हो गया था।

अमेरिका में खुदरा बिक्री के फरवरी के आंकड़ें भी सोमवार को जारी होने वाले हैं। इसमें जनवरी में 0.9 फीसदी की वृद्धि हुई थी। देश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के चुनावी अभियान की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सात चरणों में होने जा रहे चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होने जा रहा है। चुनावी गतिविधियों का भी शेयर बाजार पर असर बना रहेगा।