भ्रष्ट बैंकरों के खिलाफ की जाए सख्त कारवाई : पीएम मोदी

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकिंग क्षेत्र में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी या आपराधिक साजिश में शामिल होने वाले बैंक अधिकारियों के खिलाफ ‘सख्त कारवाई’ की मांग की है। खबरों की मानें तो पीएम ने डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (डीओएफएस) के साथ बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने के बाद इन निर्देशों को जारी किया। पिछले सप्ताह उन्होंने ‘प्रगति’ रिव्यू मीटिंग के दौरान बैंकिंग सेक्टर की समस्याओं के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने डीओएफएस को बेहतर एफिशिएंसी के लिए टेक्नोलॉजी पर जोर देने के लिए भी कहा है। इसके साथ ही उन्होंने बैंकों को ‘भीम ऐप’ के जरिए अपनी शाखाओं में उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने को भी कहा।
गौरतलब हो कि इस मीटिंग से कुछ ही दिन पहले इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने बैंक धोखाधड़ी के कथित मामलों में जांच एजेंसियों की ओर से गिरफ्तारियों और चार्जशीट दाखिल करने की निंदा की थी। साथ ही 22 जून को अपनी मीटिंग में बैंक अधिकारियों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाने की मांग की थी। इस कमेटी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक अधिकारी को भी शामिल करने की मांग की गई। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि इन दोनों घटनाक्रमों आईबीए की शिकायत और मीटिंग और प्रधानमंत्री की प्रगति रिव्यू मीटिंग का आपस में संबंध नहीं है।

बैंकर्स को परेशान करने का आरोप लगा

आईबीए के सीईओ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अधिकारी वी जी कन्ना के मुताबिक उन्होंने इस मामले में दिल्ली में डीओएफएस महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत की है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीईओ रवीन्द्र मराठे सहित पांच वरिष्ठ अधिकारियों को पुणे पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद आईबीए ने बैंकर्स को परेशान करने का आरोप लगाया था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों को एक रियल एस्टेट डेवलपर के साथ मिलीभगत कर फंड डायवर्ट करने और शेयरहोल्डर्स को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

माल्या मामले में हुई थी गिरफ्तारी

जनवरी में आईडीबीआई के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल और चार अन्य अधिकारियों को विजय माल्या के लोन डिफॉल्ट से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। कुछ अन्य सरकारी बैंकों के अधिकारियों के खिलाफ भी आरोप हैं।

सरकारी बीमा योजना पर भी निर्देश

प्रगति रिव्यू मीटिंग में प्रधानमंत्री ने डीओएफएस को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत इश्योरेंस क्लेम के निपटारे के लिए समयसीमा तय करने का निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत लगभग 5.4 करोड़ और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में करीब 14 करोड़ लोगों ने नामांकन कराया है।