रिकॉर्ड के चक्कर में प्यासे रह गए विद्यार्थी

पुणे : समाचार ऑनलाईन – महाराष्ट्र सरकार के राष्ट्रीय सेवा योजना कक्ष और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्वच्छ वारी-स्वस्थ वारी-निर्मल वारी-हरित वारी’ अभियान का उदघाटन मुख्यमंत्री के हाथों किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 16,631 नीम के पौधों का वितरण किया गया। इस पंढरपुर वारी यात्रा के मार्ग पर लगाया जाएगा। इस कार्यक्रम को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। मगर अब इस कार्यक्रम को लेकर नया विवाद खड़ा हुआ है। वह यह कि रिकॉर्ड के चक्कर में बच्चों को दोपहर 12.30 बजे तक तपती धूप में प्यासा रखा गया।
रविवार को ‘स्वच्छ वारी-स्वस्थ वारी-निर्मल वारी-हरित वारी’ अभियान के तहत पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय ने 16,631 से अधिक विद्यार्थियों को नीम के पौधे बांटे हैं। लोगों को पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए जागरुक करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए। वृक्षारोपण के लिए एक साथ इतने नीम के पौधे बांटने का रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। इस कार्यक्रम को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि गिनीज बुक में नाम दर्ज करवाने के चक्कर में आयोजकों ने बच्चों को दोपहर 12 बजे तक प्यासा रखा। उनके लिए कोई भी पानी की व्यवस्था मैदान पर नहीं की गई थी।
इस कार्यक्रम के लिए विद्यार्थी सुबह 8 बजे से ही आयोजन स्थल पर पहुंचने लगे थे, जबकि कार्यक्रम सुबह 11.30 बजे से शुरू हुआ। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने दावा किया है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ‘लार्जेस्ट डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ सैपलिंग्स’ है। इस कार्यक्रम में खुले में बैठे विद्यार्थी प्यास से व्याकुल हो गए, लेकिन गिनिज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिस स्थान पर रिकॉर्ड बनाने का काम किया जा रहा हो वहां पर प्लास्टिक का प्रयोग नहीं किया जा सकता, इसलिए कार्यक्रम में आए विद्यार्थियों को प्लास्टिक की पानी की बॉटल नहीं दी जा सकती। जिसके बाद विद्यार्थी गर्मी में खुले आसमान के नीचे कार्यक्रम के समाप्त होने तक बैठे रहे। कार्यक्रम 12.30 बजे समाप्त हुआ। इसके बाद ही विद्यार्थियों को पीने का पानी दिया गया।