सोलापुर की 65 वर्षीय अर्चना (बदला हुआ नाम) ने आदित्य बिरला अस्पताल के स्तन ओपीडी में अपने बायें स्तन में गांठ के आकार में आकस्मिक वृद्धि होने की शिकायत के लिए सम्पर्क किया। उनकी जांच डॉ. दीपाली गोंजारी ने की, और उन्हें तत्काल स्तन का अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी, जिसमें उन्हें वस्क्युलर पेथोलॉजी – रक्त वाहिकाओं से संबंधित एक बीमारी होने का पता चला। तत्काल सीटी एंजियो करने का निर्णय लिया गया।
डॉ. दीपाली गोंजारी, सलाहकार ब्रेस्ट ओन्कोसर्जन, आदित्य बिरला अस्पताल, ने बताया “सीटी एंजियो में एक हेमोरेजिक सिस्ट (जब सिस्ट के भीतर ब्लीडिंग हो जाती है) के साथ लेजियन की आन्तरिक मेमेरी सप्लाईंग वॉल की ब्रांच होने का पता चला। गांठ का आकार काफी बड़ा 18 x 10 x 10 सेमी था। मामला बहुत जटिल और दुर्लभ था क्योंकि महिला में डेक्स्ट्रोकार्डिया (चेस्ट वॉल की दायीं तरफ दिल होना) था और वह मधुमेह, उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारी होने के कारण रक्त को पतला करने की दवाईयां ले रही थी।”
डॉ. दीपाली गोंजारी के नेतृत्व में डॉ. समिथ चाहुटा – सलाहकार कार्डियोवस्क्युलर, डॉ. नेव्ह – सलाहकार ओन्को सर्जन की टीम ने सर्जरी की, जहां गांठ को पूरी तरह हटाया जाना था। गांठ 1.5 किलोग्राम से ज्यादा वजनी थी। आंतरिक मेमेरी आर्टरी की शाखा की पहचान कर उसे सुरक्षित किया गया। रोगी में सर्जरी के बाद अच्छी प्रतिक्रिया दिखाई दी। गांठ फटकर दिल सहित आसपास के क्षेत्र को प्रभावित कर सकती थी जो कि बहुत घातक होता। तत्काल हस्तक्षेप और सर्जरी ने हमें उनका जीवन बचाने में मदद की।
रोगी अर्चना ने बताया, “मेरा जीवन बचाने के लिए मैं आदित्य बिरला अस्पताल के डॉक्टरों की अत्यन्त आभारी हूं। एक महीने पहले जब जांच में मेरे बायें स्तन में एक गांठ होने का पता चला, तब से मैं काफी परेशान थी। लेकिन जब इसका आकार एकदम बड़ा तो यह बहुत डराने वाला था हमारे पास कोई वित्तीय समर्थन भी नहीं था लेकिन अस्पताल ने मेरी जिंदगी बचाने को प्राथमिकता दी।”
आदित्य बिरला मेमोरियल अस्पताल की सीईओ रेखा दुबे ने कहा, “अर्चना का मामला बहुत ही दुर्लभ था और मुझे खुशी है कि आदित्य बिरला अस्पताल में ऐसे अनुभवी डॉक्टर हैं जो इस तरह के दुर्लभ मामलों को हल करने और रोगियों के जीवन को बचाने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं।”