SC/ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

नई दिल्ली । समाचार ऑनलाइन
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि एक राज्य के अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के सदस्य दूसरे राज्यों में सरकारी नौकरी में आरक्षण के लाभ का दावा नहीं कर सकते यदि उनकी जाति वहां SC/ST के रूप में अधिसूचित नहीं है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में कहा कि किसी एक राज्य में अनुसूचित जाति के किसी सदस्य को दूसरे राज्यों में भी अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जा सकता जहां वह रोजगार या शिक्षा के इरादे से गया है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति एम. शांतानागौडर और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं।
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संविधान पीठ ने यह व्यवस्था उन याचिकाओं पर दी जिन में यह सवाल उठाया गया था कि क्या एक राज्य में SC/ST के रूप में अधिसूचित व्यक्ति दूसरे राज्य में आरक्षण प्राप्त कर सकता है जहां उसकी जाति को अजा-अजजा के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है। पीठ ने इस सवाल पर भी विचार किया कि क्या दूसरे राज्य के SC/ST सदस्य दिल्ली में नौकरी के लिए आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।