कुछ लोगों को शरद पवार का विरोध करके ही पब्लिसिटी मिलती है

पुणे समाचार
‘महाराष्ट्र के पिछले 50 सालों के राजनीतिक इतिहास में जब तक शरद पवार के खिलाफ टिप्पणी नहीं की जाती, तब तक कुछ लोगों को पब्लिसिटी नहीं मिलती’। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने इन शब्दों में विरोधियों पर निशाना साधा। पुणे स्टेशन पर अनशन कर रहे शिक्षकों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुप्रिया सुले ने पाशा पटेल और प्रकाश आंबेडकर को आड़े हाथों लिया। मालूम हो कि इन दोनों नेताओं ने किसान आंदोलन को शरद पवार के समर्थन को लेकर टिप्पणी की थी।

ख़राब हो रही स्थिति
सुले ने कहा कि राज्य के किसान 1 जून से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। राज्य की स्थिति दिन प्रति दिन खतरनाक होती जा रही है। किसानों की उपज शहर और गांव तक नहीं पहुंचने से हाल बिगड़ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पूर्व केंद्रीय कृषिमंत्री शरद पवार ने कल किसानों का समर्थन किया था।

रवीना टंडन को खरी-खरी
सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि सरकार को किसानों के हित में उचित निर्णय लेना चाहिए। उनकी परिस्थितियों को समझने की आवश्यकता है, लेकिन सरकार कुछ करना नहीं चाहती। प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन द्वारा किसान आंदोलन पर उठाये गए सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि किसी महिला द्वारा गरीब किसानों के संबंध में ऐसा मजाक करना अफसोसजनक है। रवीना टंडन ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है उसे देखकर यह सवाल पूछना चाहती हूँ कि सरकार की कितनी चाटुकरिता करनी है?