सुषमा का लखनऊ से भी रहा है गहरा नाता

लखनऊ, 7 अगस्त (आईएएनएस) – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी गहरा नाता रहा है। लखनऊ के चुनावों में वह हमेशा आती रहीं थीं। सुषमा का मंगलवार देर रात दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया।

प्रदेश के चिकित्सा मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया, “सुषमा पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र में मेरे पिता लालजी टंडन का प्रचार करने आती रही हैं। लोकसभा से लेकर विधासभा के चुनावों में भी स्टार प्रचारक के रूप में उनकी काफी अहमियत रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनावी सभाओं को संबोधित करने भी वह कई बार लखनऊ आई।”

उन्होंने बताया कि सुषमा को खासकर पुराने लखनऊ के गोल दरवाजे के पास की मशहूर मक्खन मलाई खास पसंद थी। वह जब भी यहां आतीं, मक्खन मलाई खाना नहीं भूलती थीं। आज जब वे इस दुनिया में नहीं हैं तो लखनऊ भी उन्हें याद कर नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहा है।

एक अधिकारी ने बताया कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रचार के लिए यहां बिन बुलाए ही पहुंच जाती थीं। यही वजह थी कि भाजपा ने उन्हें वर्ष 2000 में प्रदेश से राज्यसभा भेजकर सूचना प्रसारण मंत्री बनाया था।

उन्होंने कहा, “लखनऊ प्रवास के दौरान सुषमा स्वराज पूर्व सांसद और वर्तमान में राज्यपाल लालजी टंडन के घर पर रुकती थीं। सुषमा जी ने सिर्फ अटल जी के लिए ही प्रचार नहीं किया, बल्कि उन्होंने टंडन व कई अन्य भाजपा विधायकों के लिए भी प्रचार किया।”

लखनऊ की महापौर संयुक्ता भटिया का कहना है, “सुषमा स्वराज जी बहुत सर्वसुलभ नेता थीं। जब भी लखनऊ में कोई भी महिला का कार्यक्रम होता था तो वह अपने व्यस्तम दिनचर्या से भी समय निकाल लेती थीं। महिला मोर्चा के कई कार्यक्रमों में उन्होंने शिरकत की।”

महापौर ने कहा, “संसद में सुषमा ने ही महिलाओं के पक्ष की आवाज उठाई थी। चुनाव में महिला आरक्षण में सुषमा की खास भूमिका रही। उनकी मंशा थी कि महिलाओं के हित के जो भी कार्य हों वह शीघ्रता से हो जाएं। इसके लिए वह तत्पर रहती थीं। वह कई बार अगर ज्यादा भीड़ में किसी महिला को डांट देती थीं तो उसे बुलाकर उसके सिर पर हाथ भी जरूर फेरती थीं। उनकी इसी अदा की सभी महिलाएं कायल रही हैं।”

सुषमा की कार्यशैली से भी उन्हें याद किया जाएगा। साल 2018 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू-मुस्लिम दंपती के पासपोर्ट को लेकर विवाद पैदा हुआ था, जिसका संज्ञान लेते हुए पूर्व मंत्री ने उस दंपती की मदद की और उन्हें पासपोर्ट दिलाया।