भूतपूर्व नगरसेवक के घर में घुसकर हमले की कोशिश नाकाम

पिंपरी। संवाददाता– भूतपूर्व नगरसेवक और सत्तादल भाजपा के वरिष्ठ नेता के घर में घुसकर उसपर हमला करने की नाकाम कोशिश किए जाने का मामला सामने आने से पिंपरी चिंचवड शहर में खलबली मच गई है। इस मामले का आरोपी शहर की एक कुख्यात गैंग का गुर्गा बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि जब वह विवादित व्यक्तित्व के तौर पर पहचाने जाने वाले स नेता के घर में घुसने की कोशिश कर उसकी बिल्डिंग में हंगामा मचा रहा था तब उसकी गैंग का सरगना अपने दूसरे साथियों के साथ बाहर चार पहिया वाहन में बैठा था।

भाजपा का यह नेता उसकी पार्टी के स्थानीय कद्दावर नेता व विधायक का काफी करीबी है और शीर्ष स्तरीय नेताओं तक उसकी पैठ है। हमेशा बाउंसरों के साथ घूमनेवाला पिंपरी कैम्प का यह नेता सहकारिता क्षेत्र में कार्यरत है। कई साल पहले भी उसके घर में घुसकर उसपर हमला करने की कोशिश की गई थी। चंद दिन पहले उसी गैंग के एक गुर्गे, जिसके खिलाफ हत्या जैसे संगीन मामले दर्ज है, ने नेता के घर में घुसने की कोशिश की। हालांकि उसकी कोशिश को नेता के गार्ड्स ने नाकाम बना दिया। पिंपरी चिंचवड, चाकण में दबदबा रहे इस गैंग का सरगना हाल ही में हत्या के मामले में निर्दोष रिहा हुआ है।

जब इस गैंग का गुर्गा भाजपा नेता की बिल्डिंग में घुसने की कोशिश कर रहा था तब नेता के गार्ड्स आगे आये और उन्होंने उसे रोका। इस पर चिढ़कर वह गालीगलौज करते हुए हंगामा मचाने लगा। इसके बाद वह और बाहर कार में सवार उसके साथी वहां से चले गए। देर रात जब नेता लौटा और उसे इस पूरे घटनाक्रम के बारे में पता चला तब उसने तुरंत पिंपरी पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने भी तुरंत हरकत में आकर पिंपरी गांव और कैम्प परिसर में खोजी मुहिम चलाकर कुछ लोगों की धरपकड़ की। हंगामा करने वाले ने शराब के नशे में यह हरकत करने की बात स्वीकारी।

धरपकड़ के बाद शुरू हुआ सियासी दबाव तंत्र। पिंपरी पुलिस को मामला दर्ज करने और रफादफा करने दोनों के लिए अलग- अलग फोन आने लगे। अचरज की बात यह है कि दोनों कारणों के लिए फोन ज्यादातर सत्तादल भाजपा नेताओं के ही आये थे। बताया जा रहा है इस मामले में ‘मुंबई’ तक के नेताओं के फोन आये। अंत में एनसी यानी अदखलपात्र मामला दर्ज करने और संबंधितों को समझाइश देकर छोड़कर मामला शांत किया गया। इस घटना के बाद उस गुर्गे को रोकनेवाला सिक्योरिटी गार्ड के अपने गांव चले जाने की चर्चा ने भी जोर पकड़ा है। इस घटना से चुनाव के मुहाने आपराधिक छविवाले राजनेताओं के चलते पिंपरी चिंचवड पुलिस का सिरदर्द बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं।