किसान बोले- अब अपना कानून हम खुद बनाएंगे, तभी निकलेगा हल 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : विफल हो रही वार्ता दर वार्ता के बीच आंदोलनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर केंद्र सरकार हमारी मांगें नहीं मानती हैं, तो हमे मजबूरन अपना कानून बनाना पड़ेगा। हम किसी भी ऐसे कानून को स्वीकार नहीं करेंगे, जो बिना हमसे पूछे चुपचाप बनाकर हमारे ऊपर थोप दिया गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने  कहा कि अगर वार्ता से कोई हल नहीं निकलता है तो इसके बाद किसान सरकार के बुलावे पर नहीं आएंगे। इसके बाद अब वार्ता की तारीख़ सरकार नहीं, बल्कि किसान देंगे और उसे हमारी शर्तों पर बात के लिए आगे आना होगा।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को कोई जल्दी नहीं है। सरकार को सोचने के लिए जितना वक्त चाहिए, ले सकती है। हम यहां 26 जनवरी की परेड में अपने ट्रैक्टरों के साथ शामिल होंगे। अगर सरकार से बातचीत से कोई समाधान नहीं निकलता है तो हम यहां से वापस जाने के लिए तैयार नहीं हैं। अगर सरकार अपने रुख पर अडिग है तो हम भी पीछे हटने के लिए नहीं आये हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह कैबिनेट के वरिष्ठ साथियों को आवास पर बुलाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि नरेंद्र सिंह तोमर इस मीटिंग में मौजूद रहे।

बताया जा रहा है कि आज पांचवें दौर की बातचीत के बीच किसानों ने साफ कर दिया है कि वे अपनी मांगों से टस से मस नहीं होंगे। प्रमाण तब दिखा, जब आज भी किसानों ने अपना खाना खाया, जो कुछ देर पहले एक वाहन से उनके लिया विज्ञान भवन लाया गया था। किसान नेताओं ने लाइन में लगकर प्लेट में भोजन लिया और वहीं जमीन पर बैठकर खाया।