पहले ‘पॉलिसी’ समिति अब बन गई ‘सलाहकारों’ की समिति

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन – बीते कुछ दिनों से हर छुटपुट कामों के लिए सलाहकारों की धड़ल्ले से जारी नियुक्तियों को लेकर पिंपरी चिंचवड मनपा की स्थायी समिति विवादों में घिरती जा रही है। बीते दिन समिति की बैठक में पुनः सलाहकारों की नियुक्ति के प्रस्ताव पारित किए गए। इस पर जहां विपक्ष ने मनपा मुख्यालय की अतिरिक्त एक मंजिल बढ़ाने भी सलाहकारों के लिए अर्याप्त साबित होने की टिप्पणी की। वहीं खुद सत्तादल भाजपा के एक सदस्य ने भी तंज कसा कि, पहले स्थायी समिति ‘पॉलिसी’ कमिटी बनी रही अब ‘सलाहकारों’ की कमिटी बनकर रह गई है।

मनपा में सलाहकारों की नियुक्ति और विवाद का गहरा नाता है। तत्कालीन सत्ताधारी राष्ट्रवादी कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने भी हर छोटे- बड़े कामों के लिए सलाहकार नियुक्ति की परंपरा कायम रखी है। अगर कहा जाय कि भाजपा, राष्ट्रवादी से भी एक कदम आगे है तो गलत नहीं होगा। क्योंकि अब फूटपाथ से लेकर फर्नीचर तक के कामों के लिए सलाहकार के नियुक्ति की जरूरत हो गई है। गत सप्ताह स्थायी समिति ने उद्यान, फूटपाथ से लेकर फर्नीचर तक के कामों के लिए 14 सलाहकार नियुक्त के प्रस्ताव पारित किए |

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खुद सत्तादल के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप सलाहकारों की नियुक्ति के खिलाफ हैं। मगर उनकी सलाह को कूड़ेदान का रास्ता दिखाते हुए धड़ल्ले से सलाहकारो की नियुक्ति की जा रही है। कल स्थायी समिति की बैठक में पुनः सलाहकार नियुक्ति के प्रस्ताव पारित किए। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य राजू मिसाल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि, अगर मनपा मुख्यालय की एक मंजिल और बढ़ा दी जाय तो भी सलाहकारों के लिए जगह अपर्याप्त साबित होगी। इतने सलाहकार नियुक्त किये जा रहे हैं। क्या मनपा के इंजीनियर और अधिकारी लायक नहीं है? यह सवाल भी उन्होंने उठाया।

बेरोजगार इंजीनियरों की नियुक्ति कर उन्हें रोजगार के अवसर देने की सलाह भी मिसाल ने दी। खुद सत्तादल के सदस्य विकास डोलस ने सलाहकारों की नियुक्ति पर तंज कसा कि, पहले स्थायी समिति ‘पॉलिसी’ कमिटी बन गई थी, अब मात्र वह ‘सलाहकारों’ की कमिटी बनकर रह गई है। इस बवाल पर सफाई देते हुए मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने कहा कि, मनपा की स्थापना के वक्त जितने इंजीनियर और अधिकारी थे उतने आज भी हैं। नागरीकरण के साथ काम का भार ज्यादा है, राज्य सरकार ने मनपा का आकृति बंध मंजूर नहीं किया है। इस वजह से सलाहकारों की नियुक्ति से काम चलाना पड़ रहा है |