नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन- माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज़ (MSME) को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा अहम निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत् कारोबारियों को कम ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा. इससे संबंधित ब्याज छूट योजना (इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम) के लिए दिशानिर्देश संबंधी प्रस्ताव सरकार के समक्ष पेश किया गया था, जिसे हरी झंडी मिल चुकी है.
इस संदर्भ में बात करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बदलाव को MSME के लिए फायदे वाला बताया है. उनके मुताबिक इस निर्णय के बाद कम दरों पर लोन उपलब्ध होने से इस सेक्टर की प्रोडक्टिविटी में वृद्धि आने की उम्मीद है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, सरकार MSME सेक्टर को अधिक कर्ज़ देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए सरकार इस योजना पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि MSME दो फीसदी ब्याज छूट के साथ एक करोड़ रुपये का इन्क्रीमेंटल कर्ज ले सकें. फलस्वरूप MSME सेक्टर को गति मिल सकेगी.
बता दें कि इससे पहले नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने MSME के लिए इस ब्याज छूट योजना की शुरुआत की थी.
बताया गया है कि इस संशोधित योजना में जीएसटी के योग्य इकाइयों को उद्योग आधार नंबर (यूएएन) की आवश्यकता से अलग कर दिया गया है. इसके अलावा व्यवसायी साल 2018-19 की दूसरी छमाही के लिए दावा जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया गया है. इन बदलावों के बाद उद्योग आधार नंबर के बगैर की जा रही कारोबारी गतिविधियां भी येाजना के सीमांतर्गत आ जाएगी.