दूल्हे ने स्ट्रेचर पर लेटी दुल्हन से की शादी,  फेरे से पहले हादसे में टूट गई रीढ़ की हड्डी 

प्रतापगढ़. ऑनलाइन टीम : शादी को सात जन्मों का साथ मानने वाले किरदारों की लगातार कमी होती जा रही है। शादी के वजन को दहेज के पलड़े पर तोलने से शुरुआत होती है और अंत जिद के कारण भयावह। बावजूद इसके इंसानियत अभी जिंदा है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का ताजा मामला आंखें खोलने के लिए काफी है। प्रतापगढ़ की रहने वाली आरती मौर्य की शादी पास के ही गांव के अवधेश से तय हुई थी। 8 दिसंबर को दोनों की शादी होनी थी। दोनों घरों में खुशियां मनाई जा रही थीं। आरती के हाथों में मेंहदी रची थी। अवधेश बारात निकालने की तैयारी कर रहे थे। अचानक खुशियों के बीच मातम छा गया।

फेरे लेने से पहले ही दोपहर में आरती का पैर छत से फिसल गया और वह  नीचे आ गिरी। हादसे में उसके रीढ़ की हड्डी पूरी तरह टूट गई।  जानकारी अवधेश के घरवालों तक पहुंची। सब घबरा गए। फिर तय हुआ कि बारात को मना नहीं किया जाएगा। आरती की छोटी बहन से शादी करा दी जाए।  आरती के घरवालों ने अवधेश के घरवालों के सामने यह प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्हें हैरत हुआ जब अवधेश ने आरती से ही शादी करने की बात कही। उसने कहा कि हर हाल में आरती को अपनाएगा।

आरती के घर वाले स्तब्ध रह गए। उन्हें तो लगा था कि अब आरती न तो कभी अपने पैरों पर खड़ा हो सकती है और न ही कोई उसे अपना सकता है, लेकिन अवधेश की जिद के आगे वे हार गए। डॉक्टर्स से परमिशन लेकर आरती को ऐंबुलेंस से घर लाया गया। स्ट्रेचर पर ही लेटी आरती के साथ अवधेश ने शादी की रस्में निभाईं। उसकी मांग भरी और फेरे लिए। उसे वापस लेकर अस्पताल पहुंचा।

अस्पताल में अवधेश ने सारी कागजी कार्रवाई पूरी की। फॉर्म से लेकर अन्य कागजों में खुद को आरती का पति लिखा और अब 24 घंटे आरती के साथ रहकर उसकी सेवा कर रहा है। आरती का ऑपरेशन हो चुका है। अब वह दिनरात उसके ठीक होने की ईश्वर से प्रार्थना भी कर रहा है।